
बगहा/अरविंद : वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के मदनपुर वन क्षेत्र के कक्ष संख्या 9 में आग लगने 2 एकड़ जंगल आज जलकर राख हो गया है. घटना दोपहर की बतायी जा रही है. शरारती तत्वों के द्वारा लगाई गई आग में छोटे-बड़े पेड़-पौधों सहित छोटे जीव—जंतुओं के भी आग में जलकर मर जाने की आशंका है. उल्लेखनीय है कंटीली झाड़ियां जल जाने के बाद बरसात के दिनों में उन जगहों पर उन्नत किस्म की घास जम जाती है जिसका उपयोग चरवाहे अपने जानवरों के लिए करते हैं.

इस कारण चरवाहे प्रतिवर्ष जंगल मे आग लगा देते हैं. इससे परियोजना को प्रत्येक वर्ष करोड़ों रूपयों की क्षति होती है. घटना के सन्दर्भ में मदनपुर रेंज के रेंजर आनन्द कुमार ने बताया कि आग बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. जानकारी हो कि वाल्मीकि व्याघ्र राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक राष्ट्रीय उद्यान है जो पश्चिमी चंपारण जिले के सबसे उत्तरी भाग में नेपाल की सीमा के पास बेतिया से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

यह एक छोटा—सा कस्बा है जहां की आबादी कम है और यह अधिकांशत: वन क्षेत्र के अंदर है. नेपाल के रॉयल चितवन नेशनल पार्क और पश्चिम में हिमालय पर्वत की गंडक नदी से घिरा हुआ है. यहां पर बाघ, स्लॉथ बीयर, भेड़िए, हिरण, सीरो, चीते, अजगर, पीफोल, चीतल, सांभर, नील गाय, हाइना, भारतीय सीवेट, जंगली बिल्लियां, हॉग डीयर, जंगली कुत्ते आदि पाए जाते हैं.
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