
बगहा/हरनाटांड, संतोष कुमार : स्वर्गीय खूब लाल महतो स्मृति थारु संस्कृति संरक्षण संग्रहालय महादेवा (हरनाटांड़) का उद्घाटन माननीय विधायक रिंकू सिंह उर्फ धीरेंद्र प्रताप सिंह तथा साथ ही प्रख्यात चिकित्सक डॉ. कृष्ण मोहन राय द्वारा किया गया. अध्यक्षता शिवनारायण पावे तथा संचालक भागीरथ प्रसाद द्वारा किया गया. स्वागत सुमन बिहारी तथा साथ ही महादेवा गांव की महिला झमटा बिरहनि से किया गया. इस अवसर पर भारतीय थारू कल्याण महासंघ तापा राजपुर के सचिव महेश्वर काजी द्वारा कहा गया कि हमारी संस्कृति जो विलुप्त हो रही है, उस संस्कृति को हमारे महादेवा गांव के लोग द्वारा इस चीज को समझें और संग्रहालय के रूप में एक नया पहचान दें.
वहीं डॉक्टर शारदा प्रसाद ने कहा कि थरुहट के लोग पहले बिखरे हुए पड़े थे, जो 1971 में एक कमिटी या संघ बना, उसी समय से अपनी संस्कृति को बनाए रखें. बिहार सरकार द्वारा हमें 2003 में आदिवासी का दर्जा मिला. जिसको हमारे समाज में संस्कृति तथा धरोहर समझते हैं, उसको महादेवा गांव के लोग सजा कर एक कीर्तिमान स्थापित कर दिए. वहीं डॉ. कृष्ण मोहन राय द्वारा कहा गया कि जिस चीज के लिए कभी हम लोग कमरे में सोचा करते थे, वह महादेवा गांव के लोग कर दिखाए.
हमारी संस्कृति एक संग्रहालय है, उसको बहुत ही अच्छे ढंग से सजा कर रखने की जरूरत है. हमारी आने वाली पीढ़ी भी याद करती रहेगी. हमारी संस्कृति को साथ ही बताएं कि हमारी औरत विरहनि गाती है. उसमें बहुत ही सारा प्यार छुपा होता है. जैसे कि पति परदेश काम करने के लिए चला जाता है, तो पत्नी बिरहनी के माध्यम से बताती है कि पिया मोरे गइले पुरबवा जाता हो, गाड़ी गइले धनिया हो जाता वह गाड़ी गइले.
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पति परदेश चला जाता है, तो पत्नी अपने मायके नहीं जाए और घर में ही धान कूट कर खाएं और अपने पति का इंतजार करें. अपने बिरह और प्यार को इस तरह गाने के रुप में दर्शाती है. आदिवासी महिलाएं और माननीय विधायक संग्रहालय को देखकर बहुत ही प्रफुल्लित हुए, कि हमारे थरुहट क्षेत्र में एकमात्र यह एक संग्रहालय खुला है. इस मौके पर राजेश उरांव, जगदीश पावे, समाजसेवी अशोक महतो, रविंदर काजी, उमा महतो संखधार महतो आदि लोगों के अलावा गांव की गुमास्ता हरिहर काजी भी उपस्थित थे.
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