
बेगूसराय(सुधांशु पाठक) : लोकसभा चुनाव का समय जैसे – जैसे नजदीक आ रहा है. वैसे – वैसे राजनीतिक सरगर्मियां तेज होती जा रही है. पॉलिटिकल लोग अपनी सीट के जुगाड़ में लगे हुए हैँ. आपको बता दें कि भाजपा के दिवंगत सांसद भोला सिंह की मृत्यु के बाद से उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी को लेकर दावेदारियां शुरू हो गई हैं. जिले के कई नेता खुद को भोला बाबू का राजनीतिक वारिश बता रहा हैं. नेताओं में जनता की नजर में खुद को पेश करने की होड़ मची है.
बेगूसराय संसदीय क्षेत्र भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित सीट समझा जाता है और जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं की टीम और समर्थकों का हुजूम अन्य पार्टियों से काफी ज्यादा है. जिस वजह से इस सीट पर बीते लोकसभा चुनाव में दावेदारी को लेकर वर्तमान केन्द्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह और दिवंगत भोला सिंह के बीच जमकर खींचतान हुई थी. हालांकि अंत में गिरिराज सिंह को नवादा से टिकट मिला और भोला सिंह स्थानीय होने के नाते टिकट हासिल करने में सफल रहे और जीत भी हासिल की.
स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण भोला सिंह का कुछ महीने पहले असामयिक निधन हो गया. उनकी मृत्यु के बाद से स्थानीय नेता खुद को उनके राजनीतिक विरासत के रूप में पेश कर रहे हैं. एक तरफ जहां दिवंगत सांसद भोला सिंह की पुत्र वधू ने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की और खुद को उनका मूल पारिवारिक और राजनीतिक वारिश बताया. तो वहीं, भाजपा के जिलाध्यक्ष संजय सिंह, स्थानीय नेता अमर सिंह, कुंदन सिंह समेत कई नाम हैं जो अपना दावा ठोक रहे हैं.
भाजपा के विधान पार्षद रजनीश कुमार भी भोला सिंह के बाद खुद को उनका दायित्व संभालने के योग्य मानते हैं. एमएलसी रजनीश कुमार का कहना है कि भोला सिंह ने ही उन्हें राजनीति में आगे बढ़ाया. हालांकि उन्होंने कहा कि पार्टी अपने हिसाब से सारी चीजें तय करती है और पार्टी जिसको प्रत्याशी बनाएगी, सबको उसका समर्थन करना चाहिए. वैसे भोला सिंह के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह के भी बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा है. ऐसे में पार्टी के सामने अंतर्कलह से बचते हुए योग्य प्रत्याशी का चयन भी टेढ़ी खीर साबित होगी.
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