
भागलपुर: दिन रविवार. महाष्टमी का संयोग. नाथनगर प्रखंड का प्राचीन मनोहरपुर पुरानी दुर्गा स्थान में कथा चल रही है. अलौकिक माहौल में व्रतियों की तांता लगा है. तभी भीड़ को चीरती एक विदेशी युवती देवी प्रतिमा को प्रणाम करने आगे आती है. दूर गांव के मंदिर में विदेशी युवती को पूजा करते देख सभी अचरज में हैं. वह सात समंदर पार देवी भक्ति की शक्ति को अनुभव करने पहुंची है.
17 साल की इस युवती का नाम हन्नाह है. वह अमेरिका के मैसाचुएट्स प्रांत के फोस्टन शहर की रहने वाली हैं. उमस भरी गरमी और भीड़ के बीच भी वह पूजा-पाठ में तल्लीन हैं. हन्नाह मनोहरपुर के मनोज कुमार सिन्हा की बेटी एशना के साथ सितंबर में हिन्दू संस्कृति को समझने आयी हैं. एशना और हन्नाह जिगरी दोस्त हैं. हन्नाह के साथ एशना की छोटी बहन विदुषी सिन्हा हैं. विदुषी उन्हें मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान की जानकारी दे रही हैं.
हन्नाह ने बताया कि वह कोलंबिया विश्वविद्यालय की छात्र हैं और पर्यावरण के अलावा अंतरराष्ट्रीय संबंधों का अध्ययन कर रही हैं. स्कूल के समय उसे हिन्दू धर्म के बारे में देवी-देवताओं की महिमा, मेले व पजा-पाठ की विधि ने काफी प्रभावित किया. इसलिए उसे मौका मिला तो इसको महसूस करने भारत चली आयी. उसने बताया कि यहां बेहद अपनापन है.
भीड़ के बावजूद पूजा के दौरान अनुशासन इसकी निशानी है. यहां पारिवारिक मूल्यों को तवज्जो दी है. महिलाओं को देवी का स्थान है. ऐसा दूसरे कहीं देखने को नहीं मिलता. वह काली पूजा और छठ में भी बढ़चढ़ कर भाग लेगी. उसने बताया कि जब नवंबर में अपने वतन अमेरिका लौटेंगी तो वह हिन्दू धर्म के पारिवारिक मूल्यों, अपनेपन के एहसास और महिलाओं के प्रति आदर के भाव को अपने जीवन में अपनाएगी. महाष्टमी के दिन उसने देवी के सामने यही संकल्प लिया है.
Be the first to comment