
कहलगाँव/भागलपुर (राकेश कुमार रोशन): विगत कुछ दिनों से भागलपुर जिला अंतर्गत कहलगाँव अनुमंडल काफी सुर्खियों में है. ये सुर्खियों का कारण कई तरह का विवाद है. जहाँ कुछ दिन पूर्व बटेश्वर नहर योजना का बाँध ध्वस्त हो गया था. जिसका 20 सितंबर 2017 को बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उदघाटन करने वाले थे. परंतु उनके आगमन से एक दिन पूर्व ही बाँध ध्वस्त हो गया. जिसके बाद राजनीतिक दलों के नेताओं सहित कई आम जनता ने इस मुद्दे पर भड़ास निकाली. वहीं अभी कहलगाँव में जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के बीच हो रही भिड़ंत की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब चर्चा का विषय है.
आपको बता दूं कि कुछ दिन पूर्व सीडीपीओ ज्योति कुमारी एवं कहलगाँव के प्रमुख (नूतन देवी) व उनके पति के बीच हुई नोक-झोंक के बाद वहाँ का माहौल काफी गरम हो गया है. माहौल इतना गर्म है कि कहलगाँव प्रखंड के अधिकारी सब जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध सड़क पर उतर आये. वहीं इस घटना की सोशल मीडिया पर चर्चा जारी है.
कुछ ने अधिकारियों के पक्ष में तो कइयों ने उनके विपक्ष में लिखा. अजय कुमार नामक एक शख्स ने अधिकारी के पक्ष में लिखते हुए पोस्ट किया कि कोई भी प्रतिनिधि सरकारी कर्मचारी के साथ हाथापाई करे, ये कैसा नेक कार्य है? जिसके जवाब में सुभाष कुमार ने प्रश्न करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारी हाथापाई कर सकते हैं.
वहीं इसी पोस्ट के रिप्लाई में अशोक कुमार शर्मा ने प्रश्न करते हुए पूछा कि कोई सरकारी कर्मचारी प्रतिनिधि के साथ गुंडागर्दी करे तो क्या करेंगे? वहीं अशोक कुमार शर्मा ने सीडीपीओ का विरोध करते हुए पोस्ट में लिखा कि ऐसा करना अनिवार्य था. बच्चों का भोजन खाकर खुद बच्चा बनना चाहती है सीडीपीओ.
वहीं इसी पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए सागर कुमार भारती नामक शख्स ने सीडीपीओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए जवाब दिया कि सीडीपीओ सेविका से दो हजार रुपये महीना घूस के तौर पर लेती है.जिसका रिप्लाई पुनः अशोक कुमार शर्मा ने किया.
वहीं इस तरह का पक्ष-विपक्ष वाला जवाब बिनीत कुमार रंजन नामक शख्स के उस पोस्ट पर दिया जा रहा था जिसमें उन्होंने लिखा है कि सुना है,कहलगाँव सीडीपीओ को प्रमुख ने कूट दिया है.अब ये मामला और कितना तूल पकड़ता है ये तो आने वाला समय ही बताएगा.
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