
नवगछिया/भागलपुर(राकेश कुमार रौशन): पिछले कुछ समय से तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में चल रहे सेकंड हैंड स्कार्पियो गाड़ी मामले ने विश्वविद्यालय के कई कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाया है. वहीं इस प्रकरण में एक नया मोड़ आकर इस मामले को भूलभुलैया के चित्र विचित्र बना दिया गया. दरअसल इस मामले में विश्वविद्यालय के द्वारा जिला परिवहन पदाधिकारी से भी रिपोर्ट मांगी गई थी कि रजिस्ट्रेशन मामले में क्या सत्यता है. किस तरह से एक ही गाड़ी का तीन बार रजिस्ट्रेशन हुआ है.
जिस पर डीटीओ राजेश कुमार ने अपनी रिपोर्ट सौंपी. जिसमें उन्होंने बताया कि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन तीन बार नहीं बल्कि एक बार ही हुआ है. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे यहां एक बार के रजिस्ट्रेशन का एक लाख रुपया लगता है तो क्यों कोई तीन लाख देकर तीन बार रजिस्ट्रेशन करवाएगा. हालाँकि डीटीओ ने यह भी कहा कि उनके द्वारा सिर्फ स्क्रीनिंग करके रिपोर्ट भेजी गई है.
वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने रिपोर्ट में कुछ कमियां निकालते हुए चुनौती देने की बात कही है. बता दें कि इस प्रकरण में विश्वविद्यालय के कई अधिकारी व बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा के कुलपति प्रोफेसर अवध किशोर राय भी उलझे हुए हैं.
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