
भागलपुर: मौसम में तेजी से बदलावा हो रहा है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक दिन में ही तीन डिग्री तापमान घट गया है और ठंड बढ़ गई है. तीन दिन से रात के तापमान में अचानक भारी गिरावट आई है, जिससे सर्दी बढ़ने लगी है. मौसम विज्ञान केंद्र की मानें, तो बर्फीली हवा बिहार तक पहुंचने से कनकनी बढ़ी है. अगले तीन दिनों में मौसम अपना और रौद्र रूप दिखाएगा. सुबह-शाम कोहरा घना हो जाएगा. दिन में सूर्य उपर घने धुंध के आगोश में होगा. धूप नहीं खिलेगी. रात और दिन में ठंड कम नहीं होगी. यूं कहें कि नए साल से पहले घने कोहरे की चादर व गलन और भी बढ़ सकती है. मौसम वैज्ञानिकों ने फिलहाल इसी तरह का मौसम बने रहने की बात पूर्वानुमान में कही है.
चार दिनों में पांच डिग्री गिरा पारा
सोमवार को रात का तापमान 7.6 और दिन का तापमान 22.8 डिग्री सेल्सियस रहा. बीते चार दिनों के तापमान पर नजर डाले तो आज के तापमान में क्रमश पांच-पांच डिग्री सेल्सियस की कमी रिकार्ड किया गया है. अचानक तापमान में गिरावट आने से ठंड ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. स्नान करने की बात तो दूर रही धूप में भी लोग अपने बदन पर से गर्म कपड़े हटाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए.
धूप के बावजूद बनी रहेगी गलन
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक प्रो. वीरेंद्र कुमार ने बताया कि 24 या 25 दिसंबर तक मौसम में खास तब्दीली नहीं होगी. मैदानी इलाकों में दिन में कम तीव्रता की धूप खिलेगी लेकिन सर्द उत्तरी-पश्चिमी हवा की वजह से धूप में भी ठंड बरकरार रहेगी. आसमान भी अमूमन साफ रहेगा. बारिश के कोई आसार नहीं हैं. अगले दो-तीन दिनों के बाद सुबह और शाम को घना कोहरा होगा. रात में भी कोहरा पड़ेगा. धूप की तीव्रता कम हो जाएगी. सर्दी में ठिठुरन और गलन भी बढ़ेगी.
आम की फसल के लिए अनुकूल है मौसम
बीएयू के उद्यान वैज्ञानिक डॉ. आरआर सिंह का कहना है कि नवंबर-दिसंबर में आम के बौर का कलिका भेदन होता है. इसके बाद जनवरी-फरवरी में बौर निकलता है. रात में अभी तक पाला नहीं पड़ा है. कोहरे का प्रकोप भी बहुत अधिक नहीं है. दिन में धूप खिल रही है. इससे आम के पेड़ों में कलिका भेदन बेहतर तरीके से हो रहा है. आम को जितनी ठंडी जलवायु की जरूरत है, उतनी मिल रही है. आगे रात में पाला नहीं पड़ा तो आम का उत्पादन बेहतर होने के आसार हैं.
रबी फसलों के लिए भी वरदान
जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार झा कहा कि बहरहाल दिन और रात का तापमान जिस तरह से चल रहा है, वह गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद है. अगर कोहरा कुछ ज्यादा गिरता है तो गेहूं की फसल और अच्छी होगी. ठंड अधिक पड़ने पर किसान अपने खेत में हल्का पानी लगाकर उसमें नमी बनाए रखें. यह मौसम सरसों, मसूर, चना, मटर सहित अन्य सब्जी फसलों के लिए भी बहुत लाभकारी है. 17 से 22 डिग्री का तापमान आलू के लिए मुफीद है. पत्ता गोभी, फूल गोभी, सोया, मेथी, बैंगन, मटर, टमाटर, गाजर आदि के लिए भी ये मौसम बेहद मुफीद है.
स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति हुई कम
अचानक ठंड बढ़ने ने निजी एवं सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति घटने लगी है. खास कर सुबह-सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों की इस मौसम ने परेशानी बढ़ा दी है. ठंड से परेशानी छोटे-छोटे बच्चे रोते बिलखते आ रहे हैं. इधर जिला प्रशासन का भी बच्चों की परेशानी पर कोई नजर नहीं है. अभिभावक बच्चों की फरवरी में होने वाली वार्षिक परीक्षा को लेकर चिंतित हैं.
रैन बसेरा पर कब्जा, अलाव की व्यवस्था नहीं
रात में रोजमर्रे की तलाश में निकले मजदूर ठंड से कराह रहे हैं वहीं दूसरी तरफ उनके विश्राम के लिए बने रैन बसेरा को सरकार अब तक खाली नहीं करा पाई है. और न ठंड से बचाव के लिए अलाव का ही व्यवस्था की गई है. ऐसे में सामाजिक न्याय की सरकार पर मजदूरों ने सवालिया निशान लगाया है. स्टेशन पर काम कर रहे एक मजदूर ने कहा कि जाड़ा, गर्मी व बरसात को झेलना हमारे नियति में शामिल हो गया है.
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