
लाइव सिटीज डेस्क : आखिर राजनीति के एक और युग का अंत हो गया. गुरुवार की शाम 5 बजकर 5 मिनट पर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने अंतिम सांस ली. दिल्ली एम्स की मेडिकल बुलेटिन के बाद सारा देश शोक में डूब गया. अब उनके अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हो गयी है. शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार होगा. उनके पार्थिव शरीर को एम्स से घर ले जाया गया. पूरे देश में श्रद्धांजलि सभा का दौर शुरू हो गया है. बिहार के पटना समेत तमाम जिलों में लोगों में शोक की लहर है.
दिल्ली से आ रही जानकारी के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को उनके घर ले जाया गया है. गुरुवार को रात में पार्थिव शरीर उनके घर पर ही रखा जाएगा. वहां उनके अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. इसके बाद शुक्रवार को भी सुबह से उनके अंतिम दर्शन उनके चाहनेवाले करेंगे. मिल रही जानकारी के अनुसार शुक्रवार को सुबह 9 बजे उनका पार्थिव शरीर दिल्ली स्थित बीजेपी कार्यालय लाया जाएगा. वहां पर भी लोग अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन होगा.
शुक्रवार को ही दोपहर बाद दिल्ली में राजघाट के नजदीक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को अंतिम विदाई दी जाएगी. राजघाट स्थित स्मृति स्थल के निकट वाजपेयी का अंतिम संस्कार किया जाएगा. इसे लेकर अटल बिहारी वाजपेयी के घर से लेकर राजघाट तक की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस प्रशासन की व्यापक नजर है.
गौरतलब है कि गुरुवार 16 अगस्त की शाम 5 बजकर 5 मिनट पर उनका निधन दिल्ली के एम्स में हो गया है. पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. वे बीते 11 जून से ही एम्स में भर्ती थे. करीब 9 हफ्ते तक एम्स में भर्ती रहने के बाद उन्होंने गुरुवार 16 अगस्त को आखिरी सांस ली. उनके उनके निधन से देशभर में शोक की लहर है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत सभी नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है.
कई बड़े मंत्री AIIMS पहुंचे
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की तबीयत बिगड़ने की खबर बुधवार 15 अगस्त की शाम आई थी. एम्स में मेडिकल बुलेटिन जारी कर कहा था कि उनकी हालत पिछले 24 घंटों में और बिगड़ गई है. बुधवार की देर रात तक उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था. यह खबर आने के बाद ही बुधवार की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई केंद्रीय मंत्री उन्हें देखने पहुंचे थे.
11 जून से ही एम्स में भर्ती थे
अटल बिहारी वाजपेयी को डायबिटीज के साथ ही यूरिन, सीने और किडनी में इंफेक्शन की शिकायत थी. 93 वर्षीय अटल बिहारी वाजपेयी 11 जून से ही एम्स में भर्ती थे. मधुमेह के शिकार 93 वर्षीय BJP नेता का एक ही गुर्दा काम करता है. 2009 में उन्हें स्ट्रोक आया था जिसके बाद उनकी सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो गई. बाद में वह डिमेंशिया से भी पीड़ित हो गए. जैसे-जैसे उनकी सेहत गिरती गई, धीरे-धीरे उन्होंने खुद को सार्वजनिक जीवन से दूर कर लिया.
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी डिमेंशिया नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और 2009 से ही व्हीलचेयर पर थे. हाल ही में भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था. वह बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पहले और अभी तक के एकमात्र गैर कांग्रेसी नेता थे. वाजपेयी 3 बार प्रधानमंत्री रहे. वह पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही रह पाई. 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीनों तक चली थी. 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया. 5 साल का पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले वह पहले गैरकांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं.
Be the first to comment