
लाइव सिटीज डेस्क : संविधान निर्माता और भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की आज (14 अप्रैल) जयंती है. समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ व संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर को बाबा साहेब के नाम से भी जाना जाता है. महात्मा गांधी के बाद आजाद भारत में जिस एक शख्सियत की राजनीतिक विरासत पर कब्जे के लिए पार्टियों में सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धा रही है वो हैं संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर.
बाबा साहेब के निधन को 60 साल से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन आज भी केंद्र और देश के अधिकांश राज्यों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से लेकर कांग्रेस जैसे सबसे पुराने तथा बीएसपी, आरपीआई जैसे क्षेत्रीय दलों में भी खुद को बाबा साहेब की विचारधारा के ज्यादा से ज्यादा करीबी बताए जाने की होड़ मची रहती है.
14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के एक दलित परिवार में जन्मे बाबा साहेब ने असाधारण प्रतिभा के होने के बावजूद जिंदगी भर अस्पृश्यता का दंश झेला. आज संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 127वीं जयंती है. इस मौके पर देशभर में आज डा. भीमराव अंबेडकर को याद किया जा रहा है.
इस बीच सोशल मीडिया पर अंबेडकर जी को लेकर एक तस्वीर भी वायरल हुई थी जिसमें खुद गांधी जी अंबेडकर के पैर छू रहे थे. इस तस्वीर को गांधीवादी लोग खूब जमकर शेयर कर रहे थे, और जो गांधीवादी नहीं थे, वो भी शेयर करने में लगे थे.
इस तस्वीर में महात्मा गांधी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पैर छूते नजर आ रहे हैं. इस तस्वीर को लोग देखते ही शेयर करने की अपील करने के लिए कह रहे थे जो इस तस्वीर पर साफ दिखाई दे रही है.
लेकिन इस तस्वीर की सच्चाई भी बहुत ही अलग है जो आपको भी चौंका देगा. इस तस्वीर में तो गांधी जी अंबेडकर के पैरों को छू रहे हैं लेकिन ये असली नहीं है. अगर आप अभी भी सोशल मीडिआ पर इन तस्वीरों की असलीयत नहीं जानते हैं तो आपको जान लेनी चाहिए. दरअसल, इन तस्वीरों को लोग शेयर करने के लिए फोटोशॉप कर कलाकारी डाल देते हैं.
भाई आज के जमाने में एक से एक कलाकार भपे पड़े हैं उनमें से कुछ कलाकारों को यही काम है और बदले में उन्हें मोटी रकम भी दी जाती है. ये दोनों ही तस्वीरें अलग-अलग हैं. दोनों को किसी एक फोटोशॉप वाले कलाकार ने जोड़ दिया है.
इनमें से सबसे पहली तस्वीर में डॉक्टर अंबेडकर की फुल फैमिली फोटो है. तस्वीर में डॉ अंबेडकर अपनी वाइफ सविता के साथ बैठे हैं. बीच में बैठा है उनका पालतू कुत्ता और पीछे खड़ा है उनका नौकर सुदामा.
दूसरी तस्वीर है साल 1930 की जब बापू जी डांडी मार्च के लिए नमक उठा रहे हैं. पीछे गांधी समर्थक लोग खड़े हैं.
इस तस्वीर को जिसने भी बनाया है उसने दोनों तस्वीरों अंबेडकर की फैमिली और गांधी की नमक उठाते हुए वाली फोटो को एक साथ उठाया और फोटोशॉप खोला और दिखा डाली कलाकारी. नतीजा आपके सामने है.
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