
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आज अपनी एक टिप्पणी में कहा कि वह देश में सभी लोगो को शाकाहारी बनने के लिए नहीं कह सकती। सुप्रीम कोर्ट ने ये बात एक जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान कही। ये पीआईएल दो गैर सरकारी संगठनों, हेल्दी वेल्थ एथिकल वर्ल्ड और गाइड इंडिया ट्रस्ट द्वारा दायर किया गया था।
दोनों एनजीओ के द्वारा दायर इस याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर ने पूछा कि “क्या आप चाहते हैं कि इस देश में हर कोई शाकाहारी हो?” दरअसल ये जनहित याचिका भारत से मांस के निर्यात के खिलाफ डाली गई थी जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की।
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हम एक आदेश जारी नहीं कर सकते कि सभी को शाकाहारी होना चाहिए
इस मामले में एससी न्यायाधीश मदन बी लोकुर ने कहा : “क्या आप चाहते हैं कि इस देश में हर कोई शाकाहारी हो? कोर्ट ने कहा कि हम इस प्रकार का आदेश जारी नहीं कर सकते कि हर किसी को शाकाहारी होना चाहिए।
“न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा, “हम एक आदेश जारी नहीं कर सकते कि सभी को शाकाहारी होना चाहिए।” इस याचिका को अदालत ने अगले साल फरवरी में सुनवाई के लिए टाल दिया है।
बताते चले कि पिछले साल, सर्वोच्च न्यायालय ने नरेंद्र मोदी सरकार की अगुआई में जारी अधिसूचना को रोक दिया था, जिसमें हत्या के लिए पशुओं को बाजारों में बिक्री और खरीद पर रोक लगाने की बात कही गई थी। वहीं सरकार ने मवेशी व्यापार को कृषि मालिकों तक सीमित कर दिया था।
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