
लाइव सिटीज डेस्क (अभय राज): चौपट शिक्षा व्यवस्था को लेकर बिहार की लगातार भद्द पिट रही है. लगातार बिहार बोर्ड में हो रही धांधली और गड़बड़ियों से बिहार की शिक्षा व्यवस्था चरमरा सी गई है. बावजूद इन सब के कोई भी ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे हैं. ताज़ा मामला बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िला का है. जहाँ छात्र खुले आम मोबाइल और किताब की मदद से नकल कर रहे है.
आपको बता दें कि यह तस्वीर मुज़फ़्फ़रपुर ज़िला के श्याम नंदन सहाय महाविद्यालय में हो रही परीक्षा की है. आज (गुरुवार) टीडीसी पार्ट-टू की प्रैक्टिकल परीक्षा हो रही है. जिसमे छात्रों के द्वारा खुलकर नकल किया गया है. कई छात्र मोबाइल पर पहले से ही उत्तर लिख कर लाए थे. वही कई छात्र बेंच-डेस्क पर बिना किसी रोक-टोक के गाइड-किताब रखकर परीक्षा दे रहे है. वहीं नाम न बताने के एवज में परीक्षा दे रहे एक छात्र ने बताया कि कॉलेज के द्वारा उनसे 50-100 रुपया माँगा जाता है. जिसके एवज में उन्हें नकल करने की आज़ादी मिलती है.
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गौरतलब है कॉलेज परिषर में केंद्राधीक्षक के आदेश अनुसार नोटिस लगाया गया हुआ है. जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल, कैलकुलेटर, ब्लूटूथ आदि लाना वर्जित है. पकड़े जाने पर जुर्माना या कैद हो सकती है. लेकिन छात्र बड़े आराम से मोबाइल ले कर अंदर जा रहे है.
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इस मामले पर कॉलेज से शिक्षकों से पूछने पर उनके द्वारा चुप्पी साध ली गई है. सरकार नकल रोकने के लिए अभियान चला रही है. वहीं दूसरी ओर परीक्षा में सरेआम छात्र नकल कर रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि उन्हें किसी भी स्तर से रोका नहीं जा रहा है. उलटा छात्रों से पैसा लेकर नकल करने में उनकी मदद की जा रही है.
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