
लाइव सिटीज डेस्क: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की आज सीवान में होने वाली ‘संविधान बचाओ न्याय यात्रा’ पर फिर से जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने तंज किया है. उन्होंने फिर एक पत्र लिखकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि राजद के प्रमुख सजायाफ्ता लालू प्रसाद जी की विरासत संभालने के लिए उनके पुत्र और ‘दागी युवराज’ तेजस्वी प्रसाद व्यग्र हैं. पार्टी के अध्यक्ष सजायाफ्ता लालू जी से तो सीवान जाने का आदेश तेजस्वी जी ले लिए होंगे, परंतु राजद के ‘जंगलराज’ के ‘नायक’ से तिहाड़ जेल जाकर आदेश लिए या नहीं? वैसे, आप चिंता न करिए अब बिहार में कानून का राज है.
लोग ‘लालटेन’ छोड़ बल्ब जला रहे हैं
तेजस्वी जी, सोमवार को अपनी कथित ’संविधान बचाओ न्याय यात्रा’ के क्रम में सिवान पहुंच रहे हैं. वैसे तेजस्वी जी सिवान की जनता अब खुद क्षेत्र को ’कत्लगाह’ नहीं बनने देगी, यही कारण है कि लोग ’लालटेन’ छोड़ बल्ब जला रहे हैं. ऐसे भी आप भले ही उन्माद फैलाने की कोशिश कर लें परंतु बिहार में कानून की सरकार है, ऐसा आपको नहीं करने देगी. वैसे, तेजस्वी जी आप सबों के ’राजनीतिक डीएनए’ में काफी समानता है. पार्टी के अध्यक्ष लालू जी सजायाफ्ता, सिवान के आपके पूर्व सांसद सजायाफ्ता और आप भी भ्रष्टाचार के आरोपी. ऐसे ही आपको राजद की विरासत नहीं मिली है?
अब कानून का राज है
तेजस्वी जी, जब कानून के तहत आपके पूर्व सांसद शहाबुद्दीन पर कार्रवाई हो रही थी तब तो आप सत्ता भोगने के लिए ताली बजा रहे थे, परंतु आज उसी चौखट पर पहुंचकर फिर घड़ियाली आँसू बहा रहे ? जनता अब यह जान चुकी है. आपको बता दूँ ’ट्विटर’ तेजस्वी बाबू, करीब 15 साल पहले सिवान जाने के लिए लोगों को आदेश लेना पड़ता था. परंतु अब कानून का राज है. आंकड़ों से इसे आप ठीक से समझ जाएँगे.
राजद के शासनकाल यानी 1990 से 2005 के बीच सिवान में हत्या की 1,706 घटनाएं हुई थी जबकि 2006 से 2018 के बीच 1,113 घटनाएं हुई हैं. इसी तरह 1991 से 2005 के बीच फिरौती के लिए अपहरण की 168 घटनाएं हुई थी जबकि 2006 से 2018 के बीच इस तरह की मात्र 28 घटनाएं हुई हैं. इसी तरह राजद के शासनकाल की तुलना में वर्तमान शासनकाल में डकैती की घटनाओं में 77 प्रतिशत की कमी आई है.
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जदयू का तंज- ‘संविधान यात्रा से पहले सीवान की धरती से प्रायश्चित कर लें तेजस्वी’
आप और आपके लोग तो शराबबंदी को भी असफल करने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते परंतु हकीकत है कि शराबबंदी के बाद सभी तरह की आपराधिक मामलों में कमी आई है. सिवान जिले में 1 अप्रैल 2016 से शराबबंदी के बाद हत्या के मामलों में जहां 26 प्रतिशत की कमी आई है वहीं डकैती के मामलों में 66 प्रतिशत, फिरौती के लिए अपहरण मामलों में 33 प्रतिशत की कमी आई है. तेजस्वी जी, आग्रह है कि विकास के मामले में दोनों सरकार की तुलना कर स्थिति समझने की कोशिश करें, अगर आपकी शिक्षा इसमें आड़े आ रही हो तो किसी और की मदद ले लें.
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