पटना : बिहार बोर्ड के इंटर आर्ट्स के टॉपर गणेश कुमार के रिजल्ट में खेला है,लाइव सिटीज की जांच में अब और भी पुख्ता हो गया है . सवालों का जवाब देने वाले सतर्क हो गये हैं . बच-बचा कर बोलने की कोशिश कर रहे हैं .
गुरुवार 1 जून को शाम के पोस्ट में लाइव सिटीज की स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम आर्ट्स टॉपर गणेश का पूरा कच्चा-चिट्ठा खोलेगी . फिर संभव है,गणेश का सच जानने को बिहार कोकिला शारदा सिन्हा को बुलाने की मांग शुरु हो जाए .
फिलहाल, अभी जानें बिहार को आर्ट्स टॉपर देने वाले समस्तीपुर के ताजपुर के चकहबीब गांव में स्थित रामनंदन सिंह जगदीप नारायण उच्च माध्यमिक विद्यालय का पूरा सच . इस सच को जानने को लाइव सिटीज की टीम ने ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग की है . स्पॉट वेरीफिकेशन में सब कुछ तलाशा है . दर्जनों लोगों से बातचीत की है .
पहले पब्लिश किये गये दो पोस्ट से आप इतना तो जान ही गये हैं कि यह स्कूल समस्तीपुर से कोई 22 किलोमीटर की दूरी पर सुदूर देहाती इलाके में स्थित है . टॉपर गणेश के बारे में कहा जा रहा है कि वह गिरिडीह (झारखंड) से पढ़ने को इस स्कूल में आया था .
समस्तीपुर से आता-जाता था स्कूल . समस्तीपुर से स्कूल आने के लिए पहले बस की सवारी करनी होती है,फिर जुगाड़ गाड़ी मतलब फटफटिया गाड़ी से जाना होता है .
पिता-पुत्र का है स्कूल
अब जानिए यह कि स्कूल सरकारी नहीं है . हां, बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड से छात्रों को परीक्षा में शामिल कराने को संबद्धता मिली हुई है . इस स्कूल की मैनेजिंग कमेटी के सेक्रेट्री भाजपा के वरीय नेता जवाहर प्रसाद सिंह है . वे 1985 और 1990 में समस्तीपुर के कल्याणपुर विधान सभा क्षेत्र से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं .
चुनाव आयोग के रिकार्ड में 1990 के चुनाव में जवाहर प्रसाद सिंह को दस हजार से अधिक मिले मतों की बात पुष्ट होती है . सिंह दोनों चुनाव हार गये थे,पर भाजपा में सक्रिय रहे .

स्कूल के प्रभारी प्राचार्य अभितेंद्र कुमार हैं . अभितेंद्र भाजपा नेता और सेक्रेट्री जवाहर प्रसाद सिंह के बेटे हैं . बिहार यूनिवर्सिटी से एम काम पास होने की बात करते हैं . स्कूल में सिर्फ इंटर की पढ़ाई होती है . तीनों स्ट्रीम है .
ऐसे खुला था यह स्कूल
बिहार सरकार की नियमावली के हिसाब से 2011 में स्कूल की स्थापना की जानकारी दी गई . 2013 में बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने स्कूल को संबद्धता प्रदान कर दी . तब एग्जामिनेशन बोर्ड के चेयरमैन प्रो. राजमणि सिंह हुआ करते थे .
2017 की परीक्षा में स्कूल के छात्र पहली बार शामिल हुए हैं . अब नोट यह करें कि पूर्व के किसी परफार्मेंस के बगैर सुदूर देहाती क्षेत्र में स्थित इस स्कूल की शोहरत इस कदर बढ़ गई कि लड़के झारखंड से पहुंचने लगे . पहले ही साल में स्कूल ने बिहार का इंटर टॉपर गणेश दे दिया . कुल 648 छात्र 2017 की परीक्षा में इस स्कूल से शामिल हुए थे .
सेंटर कहां था,ठीक से प्रभारी प्राचार्य अभितेंद्र को भी पता नहीं है . वे बस इतना बताते हैं कि समस्तीपुर में क्रांति होटल से आगे था . दरअसल,समस्तीपुर बाहर के छात्रों को परीक्षा में शामिल कराने को देश भर में बदनाम रहा है . आगे के पोस्ट में लाइव सिटीज आपको बताएगी कि बहुत दूर से इस स्कूल में यहां परीक्षा में शामिल होने को पहुंचने वालों में अकेला गणेश नहीं था . और भी कई हैं .
कैसा है टॉपर गणेश का स्कूल
लाइव सिटीज की टीम आज स्कूल में लगातार दूसरे दिन पहुंची थी . प्रभारी प्राचार्य अभितेंद्र स्कूल में ही थे . रास्ते में कई लोग पहले मिले थे . सबों ने कहा – कहां जा रहे हैं,वह स्कूल थोड़े न है,बस परीक्षा पास कराने की फैक्ट्री है . खैर,स्कूल में प्रभारी प्राचार्य अभितेंद्र मिले . वे गणेश के टॉपर होने से खुश कम,अधिक संख्या में छात्रों के फेल हो जाने से चिंतित ज्यादा थे .
स्कूल से अकेले साइंस में 503 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे . मीडिया बार-बार गणेश के बारे में ही सवाल कुरेद रहा है,यह परेशानी अलग है .

टीम अब स्कूल बिल्डिंग का मुआयना करती है . बिल्डिंग आधा-अधूरा है . टीना/एस्बेस्टस की छत है . खिड़की – दरवाजे कम ही हैं . कुल छह क्लास रुम हैं . समझ लें,इन छह क्लास रुम में कितने बच्चे पढ़ते होंगे . 648 तो 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए थे . अब भी 11वीं और 12वीं की कक्षा होगी . तो क्या,हजार से अधिक बच्चे छह कक्षाओं में पढ़ सकते हैं . शायद – नहीं . क्लास रुम में पंखे नहीं हैं . प्रभारी प्राचार्य अभितेंद्र कहते हैं कि लाइन का कनेक्शन लिया हुआ है . स्कूल की कोई चहारदिवारी नहीं है . फर्श भी ऐसे ही है . कुछ टेबुल-बेंच जरुर दिखे,पर ऐसा लगा कि इस पर कभी कोई बैठा ही नहीं है .

अब लाइब्रेरी और लेबोरेट्री देखते हैं . बस नाम के हैं . फिर संगीत की पढ़ाई के बारे में पूछा जाता है,जवाब लड़खड़ाने लगता है . कोई म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट वगैरह तो नहीं दिखता . मजेदार बात यह कि स्कूल में कोई भी ट्रेंड शिक्षक नहीं है .

आपको अभी इतना सब कुछ इसलिए बताया गया क्योंकि यह समझिए कि जब 2017 में स्कूल की हालत ऐसी है,तो 2013 में कैसी होगी,जब बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के चेयरमैन प्रो. राजमणि ने इसे संबद्धता प्रदान कर दी थी . अब समझ गये न कि लोग इस स्कूल को परीक्षा पास कराने की फर्जी फैक्ट्री क्यों कह रहे हैं .

वो भारती दी कौन है ?
टीम ने अब सीधा टॉपर गणेश के बारे में सवाल पूछना शुरु किया . सबसे जरुरी स्कूल में संगीत की पढ़ाई के बारे में जानना था . वजह कि संगीत की पढ़ाई ने ही गणेश को टॉपर बना दिया है . गणेश को संगीत में कुल 78 अंक (प्रैक्टिकल के 65 अंक सहित) मिले हैं .
हिंदी भाषा में भी 92 अंक मिल गये . टीम ने संगीत शिक्षक के बारे में जब पूछा,तो सभी अकचकाने लगे . फिर संभलकर कहा – भारती दी हैं . कौन भारती दी,तब कहा – लोकल ही हैं . पर अभी स्कूल नहीं आ रहीं हैं . मैटरनिटी लीव पर हैं . क्वालिफिकेशन के बारे में जब पूछा गया तो बताया गया कि संगीत में एमए हैं,पर कहां से,यह पता नहीं है . टेलीफोन नंबर भी नहीं उपलब्ध कराया गया .
आगे जब यह पूछा गया कि गणेश क्या सचमुच पढ़ने में इतना अव्वल था,तो जवाब मिला कि किसके पाकेट में हीरा छुपा है,कोई जान पाता है क्या . हिंदी में 92 नंबर आने पर कहा गया कि कॉपी में लिखा होगा,तभी तो आया .
टॉपर गणेश पटना आ रहा है
लाइव सिटीज की टीम को आज टॉपर गणेश से जुड़े कई नंबर मिले . बताया गया कि वह हावड़ा चला गया था . परिवार में कोई सदमा हुआ था . गणेश फोन नहीं रखता है . गणेश की सिस्टर ने कॉल रिसीव नहीं किया . दूसरा नंबर गणेश के मित्र का था . उसने कहा कि वह पटना जा रहा है,क्योंकि बुलाया गया है . कहां रहता था-कैसे पढ़ता था,कुछ नहीं बतायेंगे,ताकि कोई गड़बड़ी न हो जाए .

शिकायत मिलने का इंतजार कर रहे डीईओ
समस्तीपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी बी के ओझा किसी जानकारी से इंकार कर रहे हैं . कहते हैं कि यह स्कूल उनके नियंत्रणाधीन नहीं है . जब बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड जांचने को कहेगा,तभी जांचेंगे . किसी ने नहीं कहा,तो कुछ भी नहीं करेंगे .