पटना : भारतीय जनता पार्टी के विधान पार्षद ई. सच्चिदानंद राय ने कश्मीर पर बड़ा बयान दिया है . उन्होंने कहा है कि मेरी स्पष्ट मान्यता है कि पेट्रोल से आग नहीं बुझती . जम्मू-कश्मीर के हालात बहुत बिगड़ चुके हैं . अब्दुल्ला-मुफ्ती के आग के फार्मूले का कोई मतलब नहीं है . महबूबा मुफ्ती की सरकार को तुरंत बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए . पता नहीं , केन्द्र की मजबूत नरेन्द्र मोदी सरकार इसमें देरी क्यों कर रही है . इस राज्य सरकार ने घाटी के हालात को बद से और बदतर कर दिया है . कश्मीर में अबदुल्ला व मुफ्ती जेल में बंद नहीं किये जा सकते हों,तो कमरे में कैद तो कर ही दिए जाएं . वरना हालात और बिगड़ेंगे .
श्री राय ने कहा है कि जम्मू–कश्मीर को पूरे तौर पर मिलिट्री के कंट्रोल में ले लेना चाहिए . राष्ट्रपति शासन की स्थिति में बहुत कड़ा शासक नियुक्त हो . वैली के हालात जिस कदर बिगड़ गए हैं,उसमें सारे लोकतांत्रिक अधिकार समाप्त कर दिए जाने चाहिए . कोई मतलब नहीं रह गया है लोकतांत्रिक अधिकारों का यहां . जो कर्तव्य नहीं जानते-समझते हों,उन्हें अधिकार क्यों मिले . हम तो कहते हैं कि प्रोटेस्ट करने वाले सीधे गोली खाएं . सुप्रीम कोर्ट कौन होता है यह समझाने के लिए कि सेना कश्मीर में बिगड़े हालात से कैसे निपटे . मौके पर सेना होती है और निर्णय उन्हें ही लेना होता है .
उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकियों और लड़कों को क्या कहें,अब तो स्कूली लड़कियां सड़कों पर आकर सेना और पारा मिलिट्री फोर्स पर हमला कर रही है . तो फिर ऐसे हालात में लोकतांत्रिक अधिकारों को देते रहने का मतलब क्या रह गया है . जिन्हें भारत से प्यार न हो और जिन्हें सेकुलरिज्म की समझ न हो,उन्हें सबक सिखाना होगा . चीन के फार्मूले पर अमल किये जाने की जरुरत है .
विधान पार्षद ने कहा कि चीन में भी नागरिकों को लोकतांत्रिक अधिकार प्राप्त नहीं होते . लेकिन विकास अंतिम व्यक्ति तक पहुंचता है . कश्मीर में भी ऐसा ही करना होगा . मिलिट्री रुल हो और साथ में विकास की क्रांति दिखे . सब कुछ ठीक हो जाएगा . अभी बड़े टनल का उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी न किया है,हम मानते हैं कि और रोपवे बने व सभी तरीके का डेवलपमेंट हो . माहौल ऐसा बने कि दूसरे प्रदेशों के लोग कश्मीर में जाकर टूरिज्म सेक्टर में काम कर सकें . ऐसे में,फिर से कश्मीर स्वर्ग बन जाएगा .
सच्चिदानंद राय मानते हैं कि जरुरत इस बात की है कि घाटी से जो कश्मीरी पंडित भगाये गये हैं,उन्हें भारी संख्या में ले जाकर बसाया जाए . इससे जनसंख्या का संतुलन सुधरेगा . समय रहते निर्णय लेने में अब भी देरी की गई,तो हालात बिलकुल नियंत्रण में नहीं रहेंगे . हम मानते हैं कि कश्मीर में 90 फीसदी लोग आज भी शांति पसंद हैं,लेकिन शेष 5-10 प्रतिशत लोगों ने कश्मीर को बर्बाद कर रखा है . ऐसे लोगों को कुचला न गया,तो बचे 90 फीसदी लोग भी चपेट में आ जायेंगे .