-ज्ञानेश्वर-
पटना : शनिवार 22 अप्रैल की रात . हमने पटना में रहने वाले सेंट्रल इंटेलीजेंस (खुफिया) के एक अधिकारी को कार्यवश फोन कर लिया था . बातें होती रहती हैं . चर्चा किसी जरुरी मसले में करनी थी . पहले तो फोन रिसीव हुआ नहीं . फिर आधे घंटे बाद कॉल आया . नमस्ते-प्रणाम के साथ ही मैं अपने मुद्दे पर आ गया . उम्मीद थी कि अपडेटेड जानकारी मिलेगी . लेकिन, बहुत व्यस्तता का भाव प्रदर्शित करते हुए वे बोले कि अभी एक-दो दिनों बाद इसकी बातें करते हैं . अब मेरे भीतर खुफिया अधिकारी की बहुत व्यस्तता की वजह जानने की अकुलाहट पैदा हो गई थी . घुमा-फिरा जवाब मिला – अरे,कुछ नहीं . पता ही है आपको (मुझे) कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की पत्नी यशोदा बेन बिहार आईं हुईं हैं . सो…..
आगे मैंने बिहार के स्पेशल ब्रांच के एक अधिकारी को कॉल कर लिया . इनसे सीधे यशोदा बेन के बिहार दौरे के बारे में पूछा . वे बोले – यशोदा बेन को बुलाने वालों में पर्दे के पीछे कई लोग हैं,जिन्हें हम सभी पहचानने की कोशिश कर रहे हैं . जो यशोदा बेन के कार्यक्रम में सामने और साथ दिख रहे हैं,वे तो बस अपना किरदार निभा रहे हैं . खेल तो कई दूसरे-तीसरे-चौथे का है . अब मैं इस निष्कर्ष बिंदु पर पहुंच चुका था कि यशोदा बेन चाहे जैसे भी बिहार आईं,केन्द्र और राज्य के खुफिया तंत्र को हलकान कर चुकीं हैं . राजनैतिक गलियारे में यशोदा बेन के बिहार कार्यक्रम को बुनने वाले की पहचान का काम अलग से चल रहा है .
सभी जानते हैं कि यशोदा बेन प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ नहीं रहतीं . वह गुजरात में रहतीं हैं . राजनीति और राजकाज से यशोदा बेन का दूर तक वास्ता नहीं रहा . नरेन्द्र मोदी के प्रधान मंत्री बनने के बाद यशोदा बेन को सबों ने जाना है . रिश्ते सिमटे हों,फिर भी यशोदा बेन की प्रत्येक गतिविधि की खबर रखी जाती है . विशेष सुरक्षा मिली है . कहने को यशोदा बेन बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर भामा साह की जयंती में शामिल होने को आईं हैं . लेकिन,सबों को मालूम है कि सीधी-सहज यशोदा बेन को भले न पता न लगा हो,पर उन्हें बिहार बुलाने वालों ने मन में कहीं और संदेश देने की खिचड़ी को अपने स्वादानुसार पकाया है . असर कितना फलदायी होगा,अभी नहीं पता . लेकिन यशोदा बेन के बिहार दौरे ने सेंट्रल और स्टेट इंटेलीजेंस के अधिकारियों को बहुत कुछ पता करने का बड़ा टास्क थमा दिया है .
यशोदा बेन गुजरात से बाहर कम ही निकलतीं हैं . फिर, दूसरे प्रदेशों में जाकर कार्यक्रमों में शरीक होने और सम्मान हासिल करने का रिकार्ड भी नहीं है . वैसे भी बिहार भाजपा शासित प्रदेश नहीं है . किसी भाजपा शासित प्रदेश में जातीं,तो कानों-कान की चर्चा कम होती . लेकिन,बिहार तो नीतीश कुमार – लालू प्रसाद के शासन का राज्य है . बिहार भाजपा में भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा . अंतर्विरोध के कई कोण हैं . वैसे,अंतिम तौर पर यह सभी मानते हैं कि यशोदा बेन के बिहार दौरे का राजनैतिक फलाफल बहुत कुछ नहीं निकलने वाला,लेकिन अभी तो कई गॉसिप सेंटर खुल ही गये हैं .
सेंट्रल और स्टेट इंटेलीजेंस के अधिकारी यशोदा बेन के बिहार कार्यक्रम को लेकर कई एजेंडों पर बराबर की सूचनाएं संग्रह कर रहे हैं . सबसे पहली सूचना यह कि यशोदा बेन से गुजरात में संपर्क कब,कैसे और किसके माध्यम से किया गया . इस जानकारी से इंटेलीजेंस वाले बहुत कुछ पता कर लेंगे . दरअसल, यशोदा बेन के साथ गुजरात में कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है कि कोई उनके कार्यक्रम अधिकारी/सेक्रेटेरिएट से संपर्क कर ले और कार्यक्रम प्राप्त कर ले . सो,इंटेलीजेंस के अधिकारी इस गुत्थी को अंतिम तौर पर सुलझा लेना चाहते हैं .
यशोदा बेन का मुख्य कार्यक्रम आज रविवार को बेगूसराय में है . तैलिक साहू सभा ने आयोजन किया है . इंटेलीजेंस वाले कार्यक्रम को लेकर सभी प्रकार का इनपुट इकट्ठा कर रहे हैं . मसलन,संगठन के राजनैतिक-आर्थिक सूत्रधार कौन-से लोग हैं . पिछले वर्ष के आयोजनों में बेगूसराय में कौन-कौन अतिथि बुलाये गये थे . इनके पटना और दिल्ली में पालिटिकल कनेक्शंस क्या हैं . फिर यह भी कि पटना से बेगूसराय आने-जाने में पूरे रास्ते में क्या सब हुआ और कौन लोग साथ रहे . यशोदा बेन के कार्यक्रम में उपस्थिति के दौरान क्या-क्या मंच से कहा गया और पहले उनके आने की सूचना के प्रसारण का टोन क्या था .
शनिवार को पटना में होटल मौर्या में यशोदा बेन का स्वागत किया गया था . यहां भी इंटेलीजेंस के अधिकारी घुमते दिखे थे . पटना एयरपोर्ट पर भी मौजूद थे . सब कुछ नोट किया जा रहा था . होटल की बुकिंग,गाड़ी के नंबर से लेकर उपस्थित हर चेहरे को पहचाना जा रहा था .
उपस्थित चेहरों के बैकग्राउंड कनेक्शंस का पता भी किया जा रहा है, ताकि यशोदा बेन के बिहार कार्यक्रम को तय करने वाले की ठीक पहचान की जा सके . सोमवार 24 अप्रैल को गुजरात वापसी के पहले यशोदा बेन को पटना में विदाई दी जाएगी,इसकी खबर भी इंटेलीजेंस वाले रखेंगे .
यह पता भी किया जा रहा है कि पहले यशोदा बेन के मोतिहारी जाने की खबर कहां से चलनी शुरु हुई और फिर किन कारणों से इस कार्यक्रम को रद बताया गया . यशोदा बेन जब पटना एयरपोर्ट से वापसी की फ्लाइट पकड़ लेंगीं,तो संबंधित अधिकारी अपने टॉप बॉस को पूरी रिपोर्ट सौंप देंगे .