लाइव सिटीज डेस्क: मूंगफली सर्दियों का सबसे लोकप्रिय टाइम पास है. ठंड में दोस्तों, यारों के साथ समूह में बैठकर मूंगफली खाने का अपना ही मजा है. इन दिनों चारों तरफ मूंगफली की बहार है. मूंगफली को सस्ता काजू या गरीबों का बादाम भी कहा जाता है.

इसमें स्वाद के साथ-साथ कई प्रकार के स्वास्थ्य को लाभ पंहुचाने संबंधी गुण भी होते हैं. मूंगफली को कई तरह से उपयोग किया जाता है. इसका तेल भी स्वाद और स्वास्थ्य के लिए बहुत प्रचलित है. मूंगफली हमारे देश में हर तरह के खाने में इस्तेमाल की जाती है, चाहे वह मीठे पकवान हो या नमकीन. और सबसे बड़ी बात यह हमारे आस-पास आसानी से उपलब्ध है.

मूंगफली में विटामिन, मिनरल्स, न्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं, जिससे शरीर को स्वस्थ रखना न केवल मुमकिन है बल्कि आप हमेशा एक एनर्जी महसूस करेंगे. इसमें विटामिन B कॉम्प्लेक्स, नियाचिन, रिबोफ्लेविन, थियामिन, विटामिन B6, विटामिन B9 और पेंटोथेनिक एसिड पाया जाते हैं और इसकी पौष्टिकता में इजाफा करते हैं.
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मूंगफली में न्यूट्रियन्टस, मिनरल, एंटी-ऑक्सीडेंट और विटानि जैसे पदार्थ पाए जाते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिये बहुत ही लाभप्रद साबित होता है. इसमें मोनो इनसैचुरेटेड फैटी एसिड पाए जाते हैं, जो कि एलडीएल या खराब कोलस्ट्रॉल को कम कर के अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढाते हैं.
मूंगफली में प्रोटीन, चिकनाई और शर्करा पाई जाती है.

एक अंडे के मूल्य के बराबर मूंगफलियों में जितनी प्रोटीन व ऊष्मा होती है, उतनी दूध व अंडे से संयुक्त रूप में भी नहीं होती. इसकी प्रोटीन दूध से मिलती-जुलती है, चिकनाई घी से मिलती है. मूँगफली के खाने से दूध, बादाम और घी की पूर्ति हो जाती है.
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एक स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों के रक्त में ट्राइग्लाइसेराइड का लेवल अधिक होता है, वे अगर मूंगफली खाएं, तो उनके ब्लड के लिपिड लेवल में ट्राइग्लाइसेराइड का लेवल 10.2 फीसदी कम हो जाता है.

अगर आप सर्दी के मौसम में मूंगफली खाएंगे तो आपका शरीर गर्म रहेगा. यह खाँसी में उपयोगी है व फेफड़े को बल देती है. भोजन के बाद यदि 50 या 100 ग्राम मूंगफली प्रतिदिन खाई जाए तो सेहत बनती है, भोजन पचता है, शरीर में खून की कमी पूरी होती है और मोटापा बढ़ता है.