लाइव सिटीज डेस्क : हिंदी सिनेमा को कई सुपरहिट फिल्में देने वाले और अपने अभिनय से इस फिल्मी दुनिया में नए कीर्तिमान बनाने वाले हिंदी सिनेमा के सितारे विनोद खन्ना अब नहीं रहे. विनोद खन्ना अपने जमाने के मशहूर अभिनेताओं में से एक थे. विनोद खन्ना आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी यादें सदैव हमारे दिलों में रहेंगी. बता दें, उन्होंने अपने फिल्मी सफर की शुरूआत साल 1968 मे आई फिल्म ‘मन का मीत’ से की, जिसमें उन्होंने एक खलनायक की भूमिका निभाई थी और बाद में एक दिग्गज अभिनेता के रूप में उन्होंने अपनी पहचान बनाई.
जानते हैं विनोद खन्ना से जुड़ी कुछ रोचक बातें…
विनोद खन्ना के पिता का टेक्सटाइल, डाई और केमिकल का बिजनेस था. बता दें, विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था. आजादी के समय हुए बंटवारे के बाद उनका परिवार पाकिस्तान से मुंबई आकर बस गया. विनोद खन्ना के एक भाई और तीन बहनें हैं.
बचपन में बेहद शर्मीले
विनोद खन्ना बचपन में बेहद शर्मीले थे और जब वह स्कूल में पढ़ते थे, तो उन्हें एक टीचर ने जबरदस्ती नाटक में उतार दिया और तभी से उन्हें अभिनय करना अच्छा लगना लगा. स्कूल में पढ़ाई के दौरान विनोद खन्ना ने ‘सोलहवां साल’ और ‘मुग़ल-ए-आजम’ जैसी फिल्में देखीं और इन फिल्मों ने उन पर गहरा असर छोड़ा.
पिता नहीं चाहते थे बेटा फिल्मों में जाए
विनोद खन्ना के पिता नहीं चाहते थे कि उनका बेटा फिल्मों में जाए, लेकिन अंत में विनोद की ज़िद के आगे उनके पिता झुक गए और उन्होंने विनोद को दो साल का समय दिया. विनोद ने इन दो सालों में मेहनत कर फिल्म इंडस्ट्री में जगह बना ली. बाते दें, सुपरस्टार राजेश खन्ना, विनोद खन्ना के बेहद पसंदीदा अभिनेताओं में एक थे.
पहली फिल्म
विनोद खन्ना को सुनील दत्त ने साल 1968 में फिल्म ‘मन का मीत’ में विलेन के रूप में लॉन्च किया. दरअसल यह फिल्म सुनील दत्त ने अपने भाई को बतौर हीरो लॉन्च करने के लिए बनाई थी. वह तो पीछे रह गए, लेकिन विनोद ने फिल्म से अपनी अच्छी पहचान बना ली. हीरो के रूप में स्थापित होने के पहले विनोद ने ‘आन मिलो सजना’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘सच्चा झूठा’ जैसी फिल्मों में सहायक या खलनायक के रूप में काम किया. गुलजार द्वारा निर्देशित ‘मेरे अपने’ (1971) से विनोद खन्ना को चर्चा मिली और बतौर नायक वे नजर आने लगे. मल्टीस्टारर फिल्मों से विनोद को कभी परहेज नहीं रहा और उन्होंने उस दौर के सितारे अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, सुनील दत्त आदि के साथ कई फिल्में साथ में की.
कई चीजों का रखते थे शौक
140 से भी अधिक फिल्मों में विविध किरदार निभाने वाले विनोद खन्ना को सबसे पहले 1974 में हाथ की सफाई फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवार्ड मिला. उसी साल उनको नेशनल यूथ फिल्म अवार्ड भी मिला. बागवानी के बेहद शौकीन विनोद खन्ना को ध्यान, क्रिकेट, खेल, संगीत, फोटोग्राफी और ड्राइविंग का भी बेहद शौक था. उनको बैडमिंटन खेलने का शौक था. स्कूल और कॉलेज के दिनों में वह खेलों में हिस्सा लेते थे. वह कॉलेज के दिनों में जिमनास्ट और बॉक्सर भी थे.