फुलवारीशरीफ/पटना (अजीत) : एक तरफ पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ, बेटी पढ़ाओ की मुहिम को बढ़ावा दे रहे हैं, वहीं सरकार कई योजनाओं को चला कर बेटियों को आगे बढ़ने का मौका दे रही है. सामाजिक संगठन बेटी बचाओ का नारा देकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है. सरकार सुकन्या योजना और कन्या विवाह योजना समेत अन्य योजनाओं के जरिये बेटी को मान सम्मान दिलाने का भरसक प्रयास कर रही है. लेकिन फुलवारी की घटना ने सबको सोचने के लिए विवश कर दिया है.
जानकारी के अनुसार फुलवारीशरीफ के वाल्मी में एक महिला ज्योति देवी को इसलिए घर से निकाल दिया गया कि उसने बेटी को जन्म दे दिया. बेटी को पैदा करना मानो एक बड़ी आफत बनकर ज्योति देवी कर टूट पड़ा. ज्योति गोद में नवजात लिये अपने पिता के साथ फुलवारीशरीफ थाना पहुंच कर न्याय की गुहार लगायी है.
थाने में ज्योति के पिता अखिलेश ने बताया कि उनकी बेटी को ससुराल वालों ने महज इसलिए घर से निकाल दिया कि उसने बेटी को जन्म दिया है. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को ससुराल में पति सूरज कुमार के साथ ही ससुर सुरेश साव मारपीट करते थे और मानसिक प्रताड़ना देते थे. इतना ही नहीं, अखिलेश ने पुलिसकर्मियों को बताया कि उनकी बेटी का ससुर उसके साथ गंदी और भद्दी बातें भी करते थे. इसके आलावा उसे शादी के बाद से ही बेटी जन्म देने पर घर से निकाल देने की धमकी दी जाती थी.

गौरतलब है कि ज्योति के पिता अखिलेश रोहतास के गंज बसरा के रहने वाले हैं और बेटी को ससुराल से निकाले जाने की जानकारी मिलने पर बेटी को न्याय दिलाने फुलवारीशरीफ थाने पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि बीते पांच मई को उनकी बेटी ज्योति को पीएमसीएच में बड़ा ऑपरेशन से बेटी पैदा हुई. उधर ज्योति के ससुर सुरेश साव ने बताया कि उनकी बहू के लगाये सारे आरोप बेबुनियाद हैं और इसके बाद ससुर ने अपने मोबाइल फोन का स्विच ऑफ़ कर दिया. वहीं फुलवारीशरीफ के थानेदार सह प्रशिक्षु आईपीएस योगेन्द्र कुमार ने बताया कि वे पूरे मामले की जांच करने के बाद ही कुछ बता पाएंगे.