
गयाः राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा गया नगर निगम चुनाव की घोषणा किए जाने के बाद गया समाहरणालय में नामांकन की प्रक्रिया जारी है जो 27 अप्रैल तक संचालित होगी। जिस प्रकार बरसात के दिनों में मेढ़कों की संख्या अप्रत्याशित रुप से अचानक बढ़ जाती है। उसी प्रकार इन दिनों समाहरणालय और नगर निगम क्षेत्र में फर्जी पत्रकारों की बाढ़ सी आ गई है। इसके कारण विभिन्न समाचार पत्रों और खबरिया चैनलों के पत्रकारों को समाचार संकलन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इन फर्जी पत्रकारों द्वारा न्यूज कवरेज और उसे दिखाने के नाम पर नामांकन करने आने वाले प्रत्याशियों का आर्थिक दोहन किया जा रहा है। समाहरणालय स्थित लोक शिकायत निवारण केंद्र के समीप बकायदा ऐसे पत्रकारों के द्वारा दुकान सी सजा ली गई है। जैसे ही कोई भी प्रत्याशी नामांकन कर बाहर निकल रहा है। मानो वे उसके ऊपर टूट पड़ रहे हैं। प्रत्याशी का इंटरव्यू लेने और उसके आर्थिक दोहन को लेकर कई बार उनमें आपस में तूं-तूं-मैं-मैं की भी स्थिति आ जा रही है। इसके कारण शहर के संवाददाताओं को समाचार संकलन में काफी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं।
मामले को गंभीरता से लेते हुए इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह न्यूज-18(आईबीएन-7) के जिला संवाददाता रंजन सिन्हा द्वारा इसकी शिकायत सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के उप निदेशक दिलीप कुमार देव से भी फोन पर की गई। श्री सिन्हा ने कहा कि फर्जी पत्रकारों की बाढ़ और उनके द्वारा अभ्यर्थियों के लगातार किए जा रहे भयादोहन और उनके आर्थिक शोषण के कारण पत्रकारिता जगत से जुड़े लोगों को काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि मामले को गंभीरता से लेते हुए सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के उप निदेशक श्री देव ने मंगलवार से ऐसे पत्रकारों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाते हुए कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया है।
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