
गया: उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद अब गया शहर के नागरिकों को शीघ्र ही आवार कुत्तों से मुक्ति मिलने की उम्मीद है. उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद बिहार सरकार ने राज्य के तीन नगर निगम पटना, गया और भागलपुर में आवारा कुत्तों से नागरिकों को निजात दिलाने की जिम्मेवारी निगम प्रशासन को सौंप दी है. राज्य सरकार का निर्देश प्राप्त होने के बाद अब गया नगर निगम आवारा कुत्तों की धर-पकड़ के लिए विशेष अभियान चलाएगा.
राज्य सरकार के निर्देश के बाद डूडा के कार्यपालक अभियंता केदार प्रसाद साहू तथा नगर परिषद, बिहट, भागलपुर के कार्यपालक पदाधिकारी डॉ. अमित कुमार ने नगर आयुक्त विजय कुमार से मुलाकात की और इस योजना के क्रियान्वयन के लिए रणनीति बनाई. राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार नगर निगम को पहले आवारा कुत्तों की संख्या का सर्वे कराना है. इसके बाद दूसरे फेज में इन कुत्तों को पकड़ कर उनकी नसबंदी कराई जाएगी. इस दौरान इसके लिए प्रतिनियुक्त कर्मियों द्वारा कुत्तों की जांच भी कराई जाएगी और बीमारियों से ग्रसित होने की स्थिति में उनका इलाज भी कराया जाएगा. गया नगर निगम अंतर्गत नैली में खाली पड़े 22 एकड़ के भूखंड में से एक एकड़ भूखंड पर कुत्ता अस्पताल का निर्माण कराया जाएगा, जहां कुत्तों की नसबंदी व चिकित्सा के बाद उसे वापस छोड़ दिया जाएगा. कुत्तों की संख्या का सर्वे सहित अन्य कार्यों के लिए निगम एनजीओ की मदद लेगा. इसके लिए गया नगर निगम के द्वारा टेंडर भी निकाला जाएगा, जिसके माध्यम से एनजीओ का चयन होगा.
इस संबंध में नगर आयुक्त विजय कुमार ने बताया कि शहर के नागरिकों को आवारा कुत्तों से मुक्ति दिलाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए एनजीओ की मदद ली जाएगी, जिसके माध्यम से कुत्तों की संख्या का सर्वेक्षण सहित अन्य प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
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