
खगडिया : मुस्लिम समाज से आने वालें जिले के बलुआही निवासी मो.इरफान हिन्दुओं के महापर्व छठ में जिस निष्ठा के साथ घाटों की साफ-सफाई व रंग-रोगन में लगे है , इसे देखकर ज़रा भी विश्वास ही नहीं होता कि उनका धर्म अलग है.
लेकिन यह सच है, यह हकीकत है और शायद यह ही धर्म है इंसानियत का.महरूम मो.जहीर के पुत्र मो.इरफान पेशे से गैरेज चलातें है लेकिन किसी भी मजहब का त्योहार हो या फिर कोई सामाजिक कार्यक्रम वो जिस अंदाज में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते है कि वो मिसाल बन जाता है. महापर्व छठ में तो उनका जनून सातवें आसमान पर रहता है और इस बार भी ऐसा ही देखने को मिला.जाति,मजहब और धर्म के नाम पर लडने वालों को एक नई राह दिखा रहे हैं मो.इरफान.
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