
खगडिया : वैसे तो जिले की पुलिस पीपुल्स फ्रेंडली होने का दावा करती रही है.कई मौकों पर कुछ थानों की पुलिस ने इसे सच भी साबित किया है. लेकिन इस बीच एक ऐसी भी तस्वीर उभर कर सामने आई है जो पुलिस प्रशासन के ऐसे दावे की हवा निकाल रही है. अगर किसी पीड़ित द्वारा थाना में अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए सांसद को पहल करनी पड़े तो ऐसे में पुलिस का पीपुल्स फ्रेंडली होने के दावे पर सवाल खडा होता है. मामला जिले के गोगरी थाना पुलिस का है. इस थाने की पुलिस पर गोगरी प्रखंड निवासी 50 वर्षीय सैमुन खातुन ने आरोप लगाया है कि थाना के सामने घर निर्माण के दौरान दबंगों ने उन्हें बुरी तरह मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया जिसकी शिकायत लेकर बुधवार को थाना पहुंचने पर पुलिस ने उनका आवेदन स्वीकार नहीं किया.
इस बीच मामले की जानकारी सोशल मीडिया व सांसद के स्थानीय प्रतिनिधि के माध्यम से खगडिया सांसद चौधरी महबूब अली कैसर तक पहुंची. इस संदर्भ में सांसद ने व्हाट्स ऐप द्वारा प्राप्त मैसेज का हवाला देते हुए पुलिस अधीक्षक को एक पत्र मेल किया जिसमें उन्होंने लिखा है कि अविलम्ब इस पर संबंधित प्रशासनिक अधिकारी से बात कर पीड़ित का आवेदन ले कर जांच की जायें. साथ ही पत्र में पीडित महिला के इलाज की व्यवस्था कराने की बातें भी लिखी गई है.
उल्लेखनीय है कि इन दिनों गोगरी थाना प्रभारी के कार्य प्रणाली पर कई सवाल उठ रहे है. रामपुर ग्राम कचहरी के सरपंच नूर आलम तथा सामाजिक कार्यकर्ता सह अन्न मूवमेंट के सदस्य अशोक पंत ने थानेदार का तबादला व थाने को दलालों से मुक्त करने की मांग सहित कुछ अन्य मांगों को लेकर 30 अप्रैल से आमरण अनशन पर बैठने की घोषणा कर चुके हैं. वहीं थानेदार की मिलीभगत से क्षेत्र में शराब की बिक्री करने का आरोप भी लगाये जा रहे हैं. हलांकि इन आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो एक जांच का विषय है लेकिन यदि किसी थाने में शिकायत दर्ज करवाने के लिए एक जनप्रतिनिधि को पहल करनी पड़े और उसी थाने के थानेदार के क्रियाकलाप के खिलाफ एक दूसरा जनप्रतिनिधि अनशन पर बैेठने का ऐलान करे तो उस थाने के पीपुल्स फ्रेंडली पुलिसिंग के दावे पर गंभीर सवाल खडा होता है.
Dear,
Editor,Live cities
Khagaria
Sir,
Got your whatsapp news. A case has allready been instituted yesterday. Before putting this news in public domain it should be verified by the concerned authority.otherwise it leaves a bad reputation of police in public.
With warm wishes
Ins V K Singh