
नवादा (पंकज कुमार सिन्हा) : आर्थिक तंगी के कारण नौकरी की चाह में आये दिन भारत के युवकों को किसी दूसरे देश मे फंसे होने की सूचना प्राप्त होती रहती है. कुछ ऐसा ही ताज़ा मामला नवादा के रजौली प्रखंड के मननपुर गांव की है. मननपुर के कामेश्वर प्रसाद का पुत्र शैलेश प्रसाद कतर में फंसा हुआ है. 7 जनवरी 2017 को मुम्बई से फ्लाइट से कतर पहुंचा और कतर इंजीनियरिंग कंपनी में काम करना शुरू किया. शुरुआत में तो सब कुछ बढ़िया था, मगर कुछ दिनों के बाद ही परेशानियां बढ़ने लगी.

8 घंटे के काम के बजाय 12 घंटे का काम लिया जाने लगा. इतना ही नही कंपनी में काम करने के लिए 35000 प्रति माह वेतन का वादा किया गया, मगर 18 से 20 हज़ार ही दिए जा रहे है. और तो और दो माह से वेतन भी बंद कर दिया कंपनी ने. जिसके कारण रहने में काफी मुश्किले आ रही है. खाने के लिए भी सोचना पड़ रहा है. इन्हीं सभी कारणों से तंग आकर वह स्वदेश लौटने चाह रहा है. मगर मजबूर है क्योंकि कंपनी ने वीजा पासपोर्ट जब्त कर रखा है. ऐसे में गांव पर रह रहे परिवार की मुश्किलें बढ़ गयी है.

भाई सतीश ने बताया कि नवादा के मोहम्मद शकील नाम के एजेंट के माध्यम से वह कतर गया था. शकील कचहरी रोड में दुकान चलाता है और वहीं से लोगों को गल्फ कंट्री भेजता है. बदले में मोटी रकम लेता है. वादे के अनुसार उसे किसी प्रकार की सुविधा नही दी जा रही है. ऐसे में परिवार वाले किसी अनहोनी होने की संभावना से भयभीत है. हालांकि इस पूरे मामले को लेकर परिवार वाले के तरफ से कोई भी सूचना प्रशासन को नही दी गयी है.
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