
नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया): जिले के नरहट प्रखंड क्षेत्र के गोवासा गांव में जल संकट गहराता जा रहा है. गांव की बङी आबादी एक चापाकल के भरोसे है. पौ फटने के पूर्व से ही चापाकल पर पानी लेने को भीङ उमङ पङती है तो कङी धूप में लोगों को घंटों पानी के लिए इंतजार करना पङता है. ऐसे में भोजन बनाना एक समस्या बनता जा रहा है. ग्रामीणों को चिंता इस बात की है कि आखिर चापाकल खराब हुआ तो क्या होगा?
गांव में एक वर्ष पूर्व पेयजल उपलब्ध कराने के लिये जलापूर्ति केंद्र के तहत पानी टंकी का निर्माण कराया गया. पानी टंकी बनकर तैयार है. पेयजल आपूर्ति के लिये मोटर भी लगाया जा चुका है लेकिन गांव में पाईप व स्टैंड पोस्ट का निर्माण अबतक नहीं किये जाने से पानी टंकी का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है. नल जल योजना के लागू होने तथा राशि पंचायत को सौंप दिये जाने के कारण विभाग की रूचि जलापूर्ति केंद्र चालू कराने में नहीं रह गयी है.
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गांव में अगङी व पिछङी से लेकर अनुसूचित जाति के करीब तीन सौ घरों में 1500 की आबादी निवास करती है. इन घरों के लिये पूर्व में गांव सरकारी व निजी स्तर पर करीब 70 चापाकल थे. भू-जल स्तर के नीचे जाने के कारण एक एककर सभी चापाकलों ने पानी देना बंद कर दिया. एकमात्र चापाकल गांव का सहारा है. चापाकल मरम्मति दल ने भी बंद पङे चापाकलों की मरम्मति से अपना हाथ खङा कर दिया है. स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गांव में वुनियादी विद्यालय समेत तीन विद्यालयों में पानी के अभाव में एमडीएम बंद पङा है. वैसे जिले में ऐसे विद्या लयों की संख्या बढ़कर 150 हो गयी है जहां पानी के अभाव में एमडीएम बंद पङा है.
ग्रामीण मनोज कुमार यादव ने इसकी शिकायत समाहर्ता कौशल कुमार से की है. उन्होंने पीएचईडी को बंद पङे चापाकलों की मरम्मति कराने का आदेश निर्गत किया है. आदेश के एक सप्ताह बाद भी समस्या का निदान नहीं होने से ग्रामीण परेशान हैं.
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