
पटना : सूबे के विभिन्न जिलों में घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के आश्रय के लिए सरकार की क्या क्रय योजना है, इसकी जानकारी चार सप्ताह में देने का निर्देश पटना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दिया है. मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन एवं न्यायाधीश डा. अनिल कुमार उपाध्याय की खण्डपीठ ने दिनेश कुमार खुरपीवाला की ओर से दायर लोकहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता द्वारा अदालत को बताया गया कि सूबे में घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के सुरक्षित आश्रय हेतु सरकार द्वारा कुछ जिलों में आश्रय स्थल का निर्माण किया गया है, जबकी इसकी आवश्यकता सभी जिलों में है. परंतु सरकार द्वारा इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है.
जिस कारण घरेलु हिंसा से पीड़ित आवासीय और बेसहारा महिलाओं के कई कष्टों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी घटनाओं से पीड़ित महिलाओं को आश्रय हेतु इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. कई बार तो ऐसी महिलायें मानव व्यापार करने वाले गिरोह के चंगुल में भी फंस जाती हैं.
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