
पटना : ओला कैब की गाड़ी से शहर के अंदर अलग-अलग इलाकों में रेकी करना और फिर सन्नाटे में खड़ी फोर व्हीलर गाड़ी की चोरी करना. इस मामले में बुधवार की देर रात राजीव नगर थाने की टीम ने दो शातिरों मंगल पासवान और अमित सिन्हा को अरेस्ट किया था. अब इसी मामले में राजीव नगर थाने की पुलिस टीम को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है.
पटना के अंदर से फोर व्हीलर गाड़ियों की चोरी करने के इस खेल में सिर्फ मंगल पासवान और अमित सिन्हा ही नहीं हैं. बल्कि इस खेल में कई और शातिर अपराधी शामिल हैं. जो इन दोनों का साथ दे रहे थे. यूपी का रहने वाला एक शातिर गाड़ियों की चोरी करने में अपराधियों का साथ दे रहा था. वो पिछले 6 महीने से पटना के पुरंदरपुर इलाके में रह रहा था. जिन 4 अपराधियों को पुलिस ने अरेस्ट किया हैं, उनमें नरेन्द्र उर्फ बादल, रत्न कुमार, नरेश कुमार यादव और सुजीत कुमार शामिल हैं.
इस तरह यूपी का शातिर करता था मदद
पुलिस के हाथ आए यूपी के शातिर का नाम नरेन्द्र उर्फ बादल है. जो कासगंज जिले के टुंडवारा का रहने वाला है. 6 महीने पहले तक इसने नोएडा में अपना ठिकाना बना रखा था. किसी तरह से इसकी दोस्ती गैंग के सरगना मंगल पासवान से हुई. फिर ये पटना आ गया और पुरंदरपुर में मंगल के साथ उसके घर में रहने लगा. ओला की गाड़ी हो या फिर चोरी कर के ले जाई जा रही फोर व्हीलर गाड़ी. ये उसमें बैठा रहता था. फिर रास्ते में पुलिस की पेट्रोलिंग टीम मिली और पूछताछ हुई तो ये झांसा देने का काम करता था. खुद को दिल्ली से आने की बात बताता था और गाड़ी उसे छोड़ने जा रही है, ये बोल गाड़ी को आगे बढ़वा देता था. प्रत्येक फोर व्हीलर की चोरी होने पर नरेन्द्र को 5 हजार रुपए मिलते थे.
पहले नशा, फिर होती थी वारदात
पकड़े गए अपराधियों को नशे की लत है. इस लिए गाड़ियों की चोरी करने से पहले ये अपराधी जमकर अलग—अलग नशिले पदार्थों का सेवन करते थे. दानापुर का पकड़ा गया रत्न कुमार गांजा का नशा करता था. इसी तरह राजा बाजार का सुजीत नशे के लिए व्हाइटनर यूज करता था. पटना के शेखपुरा इलाके का रहने वाला नरेश कुमार यादव भी बगैर नशे के कोई भी काम नहीं करता था. इन तीनों के जिम्मे पुलिस को झांसा देना और चोरी की गाड़ी पर बैठकर जाना, फिर उसे गुप्त जगह पर ठिकाने लगाना होता था.
शिकंजे से दूर हैं और कई अपराधी
ओला कैब का इस्तेमाल अपराधी रेकी के लिए जमकर कर रहे हैं. वाहन चोरों के इस गैंग में पटना के अलावे कोलकाता और यूपी के कई अपराधी शामिल हैं. एसएचओ मृत्युंजय के अनुसार इस गैंग का कनेक्शन 18 जुलाई की रात खुशरुपुर के मंसूरपुरडीह से पकड़े गए वाहन लुटेरों के गैंग से भी है. गैंग में शाामिल बाकि के अपराधियों की पहचान कर ली गई है. उनके अरेस्टिंग के लिए छापेमारी चल रही है.
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