
समस्तीपुर/रोसड़ा : अनुमंडल के शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रो में भी भाई-बहन के अटूट प्रेम व स्नेह के प्रतीक का पर्व ‘भैया दूज’ काफी हर्षौल्लास माहौल में मनाया जा रहा है. खासकर मैथिल समाज के बीच इसका काफी महत्व है.
मंगलवार की अहले सुबह से ही बहने इसकी तैयारी में जुट गयी थी. भैया दूज को ले स्थानीय बूढी गंडक नदी के घाटों पर भी अत्यधिक भीड़ देखने को मिला. कार्तिक महीना के शुक्ल द्वितीय को मनाया जाने वाला यह पर्व बहने अपने भाई की लम्बी उम्र की कामना को लेकर की जाती है. इस पर्व को यम द्वितीय व भाई-बहन के मिलाप का भी पर्व कहा जाता है. इस दिन बहने व्रत रख यमराज की पूजा करती है. जिसमें बहनें यमराज का आहावन कर उनसे विनती करती है कि मेरे भाई की उम्र दीर्घायु किया जाये. भैया दूज प्रेम, आस्था व विश्वास के साथ-साथ भारतीय संस्कृति की धरोहर मानी जाती है. अपने भाई को यम के त्रास से मुक्ति दिलाने के लिए सबसे उपयुक्त पर्व माना जाता है. शहर के भारत दास मंदिर, चितर पंजियार मंदिर, तपसी बाबा मंदिर, मां थानेश्वरी दुर्गा मंदिर समेत अन्य मंदिरों पर पूजा पाठ के लिए किशोरी-युवतियों की भी भीड़ देखी गयी.
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