
शेखपुरा,(ललन प्रसाद): ठंड और शीत लहर से बचाव के लिए बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के चौक-चौराहों पर अलाव जलाने की व्यवस्था करती है. इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग बड़े पैमाने पर राशि भी आवंटित करती है. लेकिन उस राशि पर अधिकारियों की गिद्ध दृष्टि रहने के चलते बिना अलाव जलाये ही हर साल लाखों रूपये की निकासी कर ली जाती है. ऐसा ही मामला शेखपुरा नगर परिषद क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों का सामने आया है. नगर परिषद शेखपुरा में वर्षों से अलाव घोटाला होता आ रहा है.लेकिन इस घोटाले की जांच पर जिला प्रशासन मौन साधे हुए है.
ठंड और शीत लहर से बचाव के लिए बिना चौक-चौराहे पर अलाव जलाये ही हर साल नगर परिषद और अंचल कार्यालय राशि की निकासी कर रहा है. इस बाबत एक वार्ड पार्षद ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हर साल किसी-किसी वार्ड में 5-6 किलो लकड़ी किसी एक ख़ास जगह पर जला दिया जाता है और शेष हजम कर ली जाती है. फिर कागज पर बड़े पैमाने पर अलाव जलाना दिखाकर आवंटित राशि कार्यालय कर्मियों द्वारा निकाल ली जाती है. अलाव जलाने के नाम पर नगर परिषद शेखपुरा में वर्षों से यह गोरखधंधा चल रहा है.
भाजपा के जिला महामंत्री नवल पासवान ने कहा कि नगर परिषद शेखपुरा के साथ-साथ पूरे बिहार में अलावजलाने के नाम पर करोड़ों का घोटाला हुआ है. शीत लहर और ठंड से बचाव के नाम पर सरकार हर जिले में बड़ी मात्रा में राशि आबंटित करती है ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के चौक चौराहे पर अलाव जलाया जा सके. लेकिन कागजों पर अलाव जला कर संबंधित पदाधिकारी और कर्मी अलाव मद की सारी राशि फर्जीवाड़ा कर वर्षों से निकाल रहे हैं. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.
दूसरी ओर इस मामले में नगर परिषद शेखपुरा के कार्यपालक पदाधिकारी ने किसी प्रकार के घोटाले से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि अलाव मद में 4500 रूपये ही प्राप्त होते हैं. इस राशि से जहां-जहां अलाव की जरूरत होती है, वहां-वहां जला दी जाती है. वहीँ इस मामले में जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में जिला को 25000 रुपया अलाव मद में बिहार सरकार के आपदा प्रबन्धन विभाग से प्राप्त हुई थी. जिसे नगर परिषद शेखपुरा, नगर पंचायत बरबीघा और जिले के छह अंचलों को रिलीज कर दिया गया था. शेष काम अंचलों और नगर परिषद व् नगर पंचायत का था.
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