
शेखपुरा (ललन कुमार) : 50 साल की उम्र में रिटायर करने की बात पर शिक्षकों का आक्रोश भड़कने का सिलसिला जारी है. सरकार पर तानाशाही रवैया अख्तियार करने का आरोप लगाते हुए परिवर्तनकारी शिक्षक संघ ने डीईओ कार्यालय के समक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का पुतला फूंका. इस दौरान शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन कर रहे परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रामाशीष यादव, उपाध्यक्ष ब्रजेश कुमार, रंजीत कुमार शर्मा, अशोक कुमार सिंह, अभिनंदन कुमार, अमित कुमार, राजेश कुमार, धर्मेंद्र पासवान, रामविलास प्रसाद, मासूम रजा समेत अन्य शिक्षकों ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी कारगुजारियों को शिक्षकों पर थोप रहे हैं. तीन साल तक बच्चों को किताबें नहीं दी गयीं. उन बच्चों के नॉलेज का बेस ही खराब हो गया.
मैट्रिक परीक्षा में वे उत्तीर्ण नहीं हुए तो अपना दोष शिक्षकों के मत्थे मढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शिक्षकों को 50 साल की उम्र में रिटायर करने के बात लागू करने की बात है, यही नियम मुख्यमंत्री, विधायक, आईएएस अफसर सहित अन्य पदाधिकारियों पर भी लागू करें. शिक्षकों ने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा दोहरी नीति अपनाते हैं और उनके निशाने पर हमेशा शिक्षक ही रहते हैं. सरकार की इस मनमानी को हरगिज़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा एवं चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाया जाएगा.
वहीं मुख्यमंत्री और उप मख्यमंत्री का शिक्षकों द्वारा पुतला दहन करने पर सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि जो शिक्षक पुतला दहन कर रहे हैं वे पढाने वाले शिक्षक नहीं हैं. वे शिक्षक का चोला ओढ़कर राजनीति करने वाले लोग हैं. फर्जी डिग्री के सहारे शिक्षक बने हुए हैं. हाईकोर्ट के निर्देश पर अभी तक फर्जी शिक्षकों की जांच भी लंबित है. राजेन्द्र ने कहा कि अभी शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं. अपने भविष्य को लेकर कल स्कूली बच्चे भी उन शिक्षकों के खिलाफ आंदोलन करेंगे तब वही शिक्षक निलंबित और बर्खास्त भी होने लगेंगे.
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