पटनाः राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीख हमला किया है. लालू ने कहा है कि PM के 50 दिन के मोहलत में 22 दिन बाकी हैं.
50 दिन बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हुई तो क्या मोदी जी इस्तीफा देंगे या मुँह छुपाते घूमेंगे?
PM के 50 दिन के मोहलत में 22 दिन बाकी हैं। 50 दिन बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हुई तो क्या मोदी जी इस्तीफा देंगे या मुँह छुपाते घूमेंगे?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016
गुरुवार को दोपहर बाद लालू ने एक के बाद एक चार ट्वीट किए. इनमें से एक ने उन्होंने सवाल किया है कि जो 90 लोग प्रत्यक्ष रूप से नोटबन्दी की भेंट चढ़ गए वे क्या गैर मुल्क़ी थे? उनके परिवार का भार कौन लेगा? PM के पास उनके लिए समय/शब्द भी नहीं?
जो 90लोग प्रत्यक्ष रूप से नोटबन्दी की भेंट चढ़ गए वे क्या गैर मुल्क़ी थे? उनके परिवार का भार कौन लेगा? PM के पास उनके लिए समय/शब्द भी नहीं?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016
उन्होंने बार-बार उछाली जा रही कैशलेस इकॉनमी की बात पर भी प्रहार किया है. कहते हैः भागते भूत की लँगोटी भली। नोटबन्दी में मिट्टी पलीत होते देख PM काला धन का आलाप त्याग, अब कैशलेस इकॉनमी पल्लू में छुप रहे हैं.
भागते भूत की लँगोटी भली।
नोटबन्दी में मिट्टी पलीत होते देख PM काला धन का आलाप त्याग, अब #CashlessEconomy के पल्लू में छुप रहे हैं।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016
उन्होंने कहा है कि नरेंद्र मोदी इस बात को भली भांति जानते हैं कि देश में ऐसे लोगों की संख्या मुश्किल से 20 प्रतिशत है जो कैशलेस ट्रांजैक्शन करने में समर्थ हैं. यह बात भी नोटबंदी से पैदा हुए दलदल से जनता का ध्यान हटाने का जुमला भर है.
मोदी जी जानते हैं कि बमुश्किल 20%भारतीय ही #CashlessTransactions करने की स्थिति में है। ये बस नोटबन्दी के दलदल से ध्यान हटाने का जुमला है
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016
एक ट्वीट में वे प्रधानमंत्री को यह समझाते नजर आ रहे हैं कि भारत देश महानगरों से नहीं बना. आपका अर्थव्यवस्था पर थोपा गया (नोटबंदी का) घातक प्रयोग गांवों में अन्न, जीवन, मृत्यु और भविष्य का प्रश्न बन कर रह गया है.
ना प्रधानमंत्री,ना उनके मंत्री,ना आर्थिक सलाहकारों या नीति आयोग को गाँवों की समझ है। ग्रामीणों की व्यथा को समझना तो बहुत दूर की कौड़ी होगी।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 8, 2016