
पटना : बात कई दिनों से चल रही थी . अब पुख्ता हो गई . पटना के आटोमोबाइल कारोबारी निखिल प्रियदर्शी ने कांग्रेस के पूर्व मंत्री की बेटी प्रिया (बदला नाम) का प्यार फिर से जीत लिया है . अब प्रिया का असली नाम बता ही दें . वह सुरभि जयदेवा है . पहले आरोप किया था कि निखिल ने उसके साथ यौन शोषण किया . शुरुआत के वक्त उसने स्वयं को नाबालिग बताया था . एससी/एसटी थाने में 22 दिसंबर 2016 को रिपोर्ट लिखाई .
बाद में पहचान उजागर करने के मामले में बुद्धा कॉलोनी थाने में एक और प्राथमिकी हुई . पुलिस ने निखिल प्रियदर्शी को पकड़ने को देश भर में बड़ा आपरेशन चलाया . कहीं विदेश न भाग जाए,इसके लिए आवश्यक नोटिस जारी किए गए . सबसे पहले कांड में नामजद निखिल के बड़े भाई मनीष प्रियदर्शी की पटना में गिरफ्तारी हुई . निखिल की अरेस्टिंग न होने पर जब विवाद बढ़ने लगा तो चार्ज पटना के एसएसपी मनु महाराज को मिला . गूगल बाबा ने पुलिस की मदद की .
14 मार्च को निखिल को उत्तराखंड में पिता रिटायर्ड आईएएस केबीपी सिन्हा के साथ अरेस्ट कर लिया गया . मामले में ब्रजेश पांडेय भी आरोपी बन गए,जिन्हें प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा . मार्च में हुई अरेस्टिंग के बाद निखिल पटना के बेऊर जेल में ही है . पर इस दौरान,बिछुड़े हुए दोनों दिल फिर से मिलने लगे .
निखिल और सुरभि का प्यार जिंदा होने लगा . दोनों के बीच समझौता हो रहा है,खबरें कई दिनों से आ रही थी . अभी दो-तीन दिनों पहले प्रिया को सिविल कोर्ट में देखा गया था . उस दिन पेशी पर निखिल भी आया हुआ था . कहा जाता है कि उस दिन ही दोनों के हस्ताक्षर से कोर्ट में समझौता पत्र दाखिल हो गया है .
सुरभि और निखिल दोनों ने समझौता पत्र में स्वयं को बालिग बताया है . साथ में कहा है,अब कोई भी विवाद नहीं रह गया है . दोनों अपनी मर्जी से जीवन साथी के रुप में जिंदगी गुजारने को तैयार हो गये हैं . इस समझौता पत्र पर कोर्ट को निर्णय लेना है,पर यह तय माना जा रहा है कि इसके बाद निखिल प्रियदर्शी और साथ में जेल में बंद परिजनों की जेल से रिहाई का मार्ग प्रशस्त हो गया है .
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