लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क : बीजेपी ने अपने चुनावी ‘संकल्प पत्र’ में बिहार के लोगों को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन देने का वादा किया गया है. इसे लेकर पटना से लेकर दिल्ली तक सियासत तेज हो गई थी. विपक्ष हमलावर हो गया था. इस मामले में चुनाव आयोग तक मामला पहुंच गया था. लेकिन आयोग से इस मुद्दे पर बीजेपी को क्लीन चिट मिल गई है.
दरअसल, मुफ्त कोरोना वक्सीन के वादे को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी. मिल रही जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना है.
चुनाव आयोग ने आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत का जवाब देते हुए आदर्श आचार संहिता के तीन प्रावधानों का जिक्र किया है. आयोग के अनुसार, घोषणा पत्र में संविधान के प्रतिकूल कोई बात नहीं होनी चाहिए. ऐसे किसी वादे से बचना चाहिए जो चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता का उल्लंघन करता हो या वोटरों पर कोई अवांछित प्रभाव डालता हो.
इसी तरह, वोटरों का विश्वास जीतने के लिए वही वादे किए जाने चाहिए जिन्हें पूरा किया जा सकता हो. चुनाव आयोग के अनुसार, मुफ्त फ्री वैक्सीन की घोषणा से इनमें से किसी भी प्रावधान का उल्लंंघन नहीं हुआ है. कल्याणकारी योजनाओं को आदर्श आचार संहिता से बाहर रखे जाने की पहले भी उदाहरण में रहा है.
बता दें कि बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने का वादा किया है. जिसको लेकर सियासी दलों ने बवाल मचाया. दूसरे दलों के नेताओं का इस घोषणा पर सवाल खड़े करते हुए कहना है कि फ्री कोरोना वैक्सीन पाने का हकदार देश की पूरी जनता है. ऐसे में सिर्फ बिहार में इस प्रकार की घोषणा कहीं से भी न्यायोचित नहीं है.