पटनाः बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने मंगलवार 30 मई को बिहार बोर्ड की 12वीं के नतीजे घोषित किये थे. परीक्षा और मूल्यांकन में सख्ती को लेकर रिजल्ट बहुत खराब आये हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी के किसी भी बड़े कालेज में बिहार बोर्ड के किसी छात्र को दाखिला नहीं मिलेगा.
2016 के फर्जी टॉपर प्रकरण को लेकर लाइव सिटीज की स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम ने 2017 के टॉपर की जांच तुरंत शुरु कर दी थी. साइंस और कामर्स स्ट्रीम के टॉपर में तो कोई झोल फिलहाल नहीं मिला. पर आर्टस के टॉपर गणेश कुमार (82.6 प्रतिशत) के मामले में झोल ही झोल दिख रहा है. कितनी हैरानी की बात है कि झारखंड के गिरिडीह से कई सौ किलोमीटर दूर चलकर गणेश समस्तीपुर के देहात के गुमनाम से एक स्कूल में पढ़ने को चला आता है.
यह सही है कि कोई कहीं भी पढ़ सकता है. पर सच यह भी है कि स्कूल के नियमित छात्र को रेगुलर स्कूल भी आना होता है. गणेश रेगुलर स्टूडेंट ही है. झोल की आहट के साथ आर्ट्स टॉपर गणेश और समस्तीपुर के आधे-अधूरे भवन वाले स्कूल की पहली स्टोरी लाइव सिटीज ने 30 मई की रात को ही पब्लिश कर दी थी.
आगे लाइव सिटीज ने और भी जांच की है. कुछ और जांच चल रही है. स्कूल मैनेजमेंट की पालिटिकल हिस्ट्री और एप्रोच की बात भी सामने आ रही है. लाइवसिटीज आगे 11 तथ्यों के साथ अभी आपको बता रही है कि गणेश के टॉपर के रिजल्ट में कहां और कितना झोल है.
पूरा पढ़ें आप,साथ में यह जान लें कि म्यूजिक में गणेश को इतना महारत हासिल है कि उसे प्रैक्टिकल के 70 में से 65 मार्क्स मिले हैं. इस मार्क्स ने ही टॉपर बनाया है. उसने दाखिला तो होम साइंस में भी लिया था. हिंदी में भी गणेश को 92 नंबर आए हैं. और क्या-क्या मिला अब तक की जांच में,पढ़ें आप –
1. बोर्ड की 12वीं की परीक्षा छात्र अमुमन 17 से 19 वर्ष की उम्र में पास कर लेते हैं. लेकिन बिहार बोर्ड के इंटर आर्ट्स के टॉपर गणेश कुमार की उम्र 24 साल है . रिकार्ड में अंकित जन्म-तिथि 2 जून,1993 है.
2. झोल को समझना अब ठीक से शुरु करें . टॉपर गणेश का स्कूल समस्तीपुर के चकहबीब गांव का रामनंदन सिंह जगदीप नारायण उच्च माध्यमिक विद्यालय है. प्रबंधन ने कहा,गिरिडीह (झारखंड) का गणेश उनके स्कूल में पढ़ने को समस्तीपुर के किराये के मकान में रहता था. मतलब रोज 22 किलोमीटर बस से और फिर फटफटिया गाड़ी से स्कूल अटेंड करने को आता था.
3. लाइव सिटीज की स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम के पास टॉपर गणेश का वह एडमिशन फार्म (फोटो -1 देखें) है,जो स्कूल में दाखिले के वक्त भरा गया था . इसमें खेला ही खेला है . मैनेजमेंट ने कहा, टॉपर गणेश स्कूल का रेगुलर स्टूडेंट रहा है. लेकिन झोल देखें,फार्म में डेट ऑफ एडमिशन की कोई तारीख नहीं भरी गई है.
फोटो-1 टॉपर गणेश का एडमिशन फॉर्म
4. स्कूल मैनेजमेंट कह रहा,गिरिडीह का गणेश समस्तीपुर के मकान में किराये के घर में रहकर स्कूल अटेंड करने को आता था . पर,एडमिशन फार्म दावे पर स्पष्ट संशय पैदा करता है . फिर से फोटो -1 देखें . यहां स्थायी पता गिरिडीह का जरुर अंकित है,पर स्थानीय पता नहीं दर्ज किया गया है . सवाल तो उठेगा कि कोई स्थानीय पता सचमुच में था भी क्या ?
5. अब एडमिशन फार्म (फोटो-1) में सीधे वहां पहुंचें,जहां यह दर्ज किया जाता है कि छात्र किन विषयों की परीक्षा में शामिल होगा. ध्यान से देखिएगा कि होम साइंस और म्यूजिक को टिक किया गया है. अब आप स्वयं पता कर लें और समझ लें कि बिहार में कोई बॉयज स्टूडेंट स्कूल में होम साइंस पढ़ने को दाखिला लेता है क्या ? एग्जांपल नहीं मिलेंगे. लेकिन आगे बढ़ने से पहले यहीं बता दें कि परीक्षा फार्म भरने के वक्त स्कूल/स्टूडेंट को गलती समझ में आ जाती है और गणेश होम साइंस की परीक्षा में शामिल नहीं होता है. बदले में,दूसरा विषय ले लेता है.
फोटो – 2 टॉपर गणेश के पहले के स्कूल का एसएलसी
6. टॉपर गणेश का बैक रिकार्ड जानने को फोटो-2 देखें. यह साल 2015 में दसवीं पास करने के बाद गणेश को मिला स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) है. यह भी समस्तीपुर के शिवाजीनगर प्रखंड के संजय गांधी हाई स्कूल,लक्ष्मीनियां का है. टॉपर बनाने वाले चकहबीब के वर्तमान स्कूल से बहुत दूर. दसवीं की परीक्षा में शामिल होने को भी दो साल की पढ़ाई करनी होती है. आशय यह कि गिरिडीह का गणेश,जिसे झारखंड में कोई स्कूल नहीं मिला,दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई के लिए बिहार में कम से कम चार साल तो रहा. ध्यान रखिएगा,टॉपर गणेश के परिवार का कोई बैकग्राउंड कनेक्शन अभी समस्तीपुर में सामने नहीं आया है.
7. लाइव सिटीज की स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम ने टॉपर गणेश का सौ फीसदी सच जानने को 2015 में दसवीं की बोर्ड परीक्षा का मार्क्स-शीट (फोटो-3) भी प्राप्त किया. अब इसे देख लें. गणेश ने समस्तीपुर के दूसरे स्कूल से फर्स्ट डिवीजन में ही परीक्षा पास की है . 300 के मार्क्स में फर्स्ट डिवीजन आता है,गणेश ने 330 मार्क्स प्राप्त किया था. तब वह बिहार के किसी टॉपर लिस्ट में नहीं था. समस्तीपुर के परीक्षा-केन्द्रों पर परीक्षा समस्तीपुर की शोहरत के हिसाब से हुई थी. 2015 की परीक्षा में बिहार में कैसा कदाचार हुआ था,सभी जानते हैं.
फोटो -3 टॉपर गणेश का 10वीं का मार्क्स-शीट
8. अब सीधे असली खेला को समझिए,जिसके बूते झारखंड के गिरिडीह से समस्तीपुर आकर इंटर आर्ट्स का टॉपर बन गया गणेश कुमार . फोटो-4 देखें. बहुत ठीक से देखें. यह मंगलवार 30 मई को बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा घोषित नतीजे में गणेश कुमार को टॉपर घोषित करने वाला मार्क्स शीट है. देखिए..देखिए, गणेश टॉपर इसलिए बना,क्योंकि वह म्यूजिक का परीक्षार्थी था. बोर्ड में म्यूजिक की परीक्षा 100 अंकों की होती है . 30 नंबर की थियोरी और 70 नंबर का प्रैक्टिकल. समस्तीपुर के चकहबीब के इस इंटर स्कूल में म्यूजिक की कितनी पढ़ाई होती है, समस्तीपुर को पता है. आप भी पता कर लें.
फोटो – 4 टॉपर गणेश का 12वीं का मार्क्स-शीट,जिसने बिहार इंटर का टॉपर बनाया
9. बिहार को गणेश कुमार के रुप में इंटर आर्ट्स का टॉपर देने वाले समस्तीपुर के चकहबीब स्कूल में म्यूजिक की पढ़ाई और टॉपर गणेश का म्यूजिक ज्ञान,जो अब 100 फीसदी जांच का विषय है, बहुत कुछ कह रहा है. गणेश का मार्क्स शीट (फोटो-4) कह रहा है कि वह संगीत में अव्वल नहीं बहुत अधिक अव्वल है. तभी तो उसे म्यूजिक के प्रैक्टिकल में 70 में 65 अंक मिल जा रहे हैं. प्रैक्टिकल के इस 65 नंबर ने ही गणेश को स्टेट टॉपर बना दिया है,अन्यथा वह टॉपर लिस्ट में किसी पायदान पर भी नहीं रहता. 30 नंबर की म्यूजिक थ्योरी की परीक्षा में उसे 18 मार्क्स प्राप्त होते हैं. इस तरह गणेश को म्यूजिक में कुल 83 मार्क्स मिल जाते हैं.
10. गणेश के टैलेंट को लाइव सिटीज की टीम चुनौती नहीं दे रही. न ही गणेश की कॉपी जांचने वाले एग्जामिनर को. लेकिन समस्तीपुर के चकहबीब स्कूल की जो ख्याति,दूसरे कारणों से सामने आ रही है,वह एक और सवाल खड़ा कर रहा है. सभी जानते हैं कि लैंग्वेज में हिंदी की परीक्षा को बहुत अधिक मार्क्स दिलाने वाला सब्जेक्ट नहीं माना जाता . पर, टॉपर गणेश को हिंदी में 100 में 92 नंबर मिले हैं. इतना नंबर हिंदी में,शायद आप भी चौंक रहे होंगे. तो क्यों न हो जांच?
11. लाइवसिटीज की स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम की जांच अब भी जारी है. टीम समस्तीपुर के चकहबीब के स्कूल के बारे में और ढ़ेर सारे इनपुट जुटा रही है. तथ्यों का सत्यापन किया जा रहा है. स्कूल में म्यूजिक की पढ़ाई की असलियत क्या है,ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट ली जा रही है. स्कूल और मैनेजमेंट की हिस्ट्री तलाशी जा रही है. कुछ नये तथ्यों के साथ आज 31 मई की रात आठ से नौ बजे के बीच लाइवसिटीज टीम के नये खुलासे को जानने के लिए आप रहें तैयार.