लाइव सिटीज डेस्क : बिहार सरकार द्वारा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का जन्मदिन समारोह पूर्वक मनाये जाने को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने राज्य सरकार पर जम कर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि क्या अब बिहार सरकार शहाबुद्दीन, प्रभुनाथ सिंह और राजबल्लभ जैसों का भी जन्मदिन समारोहपूर्वक मनाएगी. उनके इस हमले पर जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने पलटवार किया है.
संजय सिंह ने कहा कि बिहार सरकार किसके जन्मदिन का समारोह मनाएगी और किसका नहीं मनाएगी , ये बिहार सरकार का विशेषाधिकार है . बिहार के काम और त्वरित विकास को देखकर सुशील मोदी परेशान हो जाते है . लगता है सुशील मोदी को बीमारी है कि वो किसी का भी अच्छा होता हुआ नही देख सकते है , खासकर उनका रवैया बिहार के साथ बहुत ही खराब है .
अब बिहार में सबकुछ बेहतर हो रहा है तो सुशील मोदी के शरीर तडप होने लगी है . सुशील मोदी कभी बिहार के विकास के लिए आगे नहीं आये . बिहार के नेशनल हाईवे को लेकर केंद्र सरकार लगातार अनदेखी कर रहा है लेकिन सुशील मोदी है कि कभी इसको लेकर केंद्र से नहीं बात किये .
संजय सिंह ने सुशील मोदी को जानकारी देने के लहजे में कहा है कि केंद्र सरकार ने ‘एनएच विंग’ के लिए संसूचित लक्ष्यों में भी बिहार के हितों की उपेक्षा की गई है. एनएच के मामले में बिहार की सबसे बुरी स्थिति है और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वर्ष 2016-17 में ‘एनएच विंग के लिए संसूचित लक्ष्यों में भी बिहार के हितों की घोर उपेक्षा की है.
जहां महाराष्ट्र एनएच विंग का एनएच अवार्ड करने का लक्ष्य 4243 किमी है, वहीं बिहार का मात्र 212 किमी है. यह देश के कुल 11500 किमी के लक्ष्य का मात्र 2 प्रतिशत है. क्या यह बिहार और यहां के 11 करोड़ लोगों के साथ की गई नाइंसाफी नहीं है. 7000 किमी एनएच चौड़ीकरण निर्माण कार्यों को पूरे करने के लक्ष्य में भी बिहार के साथ अन्याय किया गया है. जहां महाराष्ट्र का यह लक्ष्य 1346 किमी रखा गया है, वहीं बिहार का मात्र 184 किमी है.
संजय सिंह ने आगे कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा वर्ष 2016-17 में एनएचएआइ का एनएच अवार्ड करने का लक्ष्य 15000 किमी और एनएच निर्माण का लक्ष्य 8000 किमी निर्धारित किया गया है, जिसमें एनएचएआइ द्वारा बिहार को क्रमश: 328 किमी और 166 किमी मात्र का लक्ष्य मिला है. इस प्रकार एनएचएआइ द्वारा भी बिहार के हितों की घोर उपेक्षा की गई है. पिछले कुछ वर्षों में एसएच से एनएच में उत्क्रमित लगभग 1800 किमी से अधिक पथों का कार्य भी डीपीआर बनाने की निविदा आमंत्रित करने तक ही सीमित है. एनएच के रूप में उत्क्रमित होने के बाद न्यूनतम चौड़ाई के अनुसार सड़क का निर्माण करने के लिए भारत सरकार द्वारा न तो राशि उपलब्ध कराई जाती है और न ही अन्य ठोस कार्रवाई की जा रही है.