लाइव सिटीज,सेंट्रल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को नए साल का गिफ्ट दिया है. उन्होंने आज लाइट हाउस प्रोजेक्ट को लांच किया. यह प्रोजेक्ट पायलट योजना के रूप में छह राज्यों में शुरू किया गया है. इतना ही नहीं, उन छह राज्यों के सिर्फ छह शहरों को ही चुना गया है. लेकिन इन छह शहरों में बिहार को शामिल नहीं किया गया है. जिन राज्यों को चुना गया है, उनमें बिहार का पड़ोसी राज्य झारखंड को शामिल किया गया है. झारखंड की राजधानी रांची में ऐसे मकान तैयार किए जाएंगे.
प्रधानमंत्री ने ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज इंडिया के तहत झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत छह राज्यों के छह शहरों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट की नींव रखी. इस परियोजना के तहत केंद्र सरकार लखनऊ, इंदौर, चेन्नई, रांची, अगरतला और राजकोट में हजार-हजार से अधिक नए मकानों का निर्माण करेगी. इसके बाद आगे के शहरों का चयन किया जाएगा.
लाइट हाउस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये छह प्रोजेक्ट वाकई लाइट हाउस यानी प्रकाश स्तंभ की तरह हैं. ये देश में हाउसिंग कंस्ट्रक्शन को नई दिशा दिखाएंगे. देश के हर क्षेत्र से राज्यों का इस अभियान में जुड़ना कॉपरेटिव फेडरलिज्म की हमारी भावना को और मजबूत कर रहा है. उन्होंने कहा कि हर जगह एक साल में 1000 घर बनाए जाएंगे, इसका मतलब प्रतिदिन 2.5-3 घर बनाने का औसत आएगा. 2022 की 26 जनवरी से पहले इस काम में सफलता पाने का इरादा है.
उन्होंने यह भी कहा कि देश में ही आधुनिक हाउसिंग तकनीक से जुड़ी रिसर्च और स्टार्टअप्स को प्रमोट करने के लिए आशा इंडिया प्रोग्राम चलाया जा रहा है. इसके माध्यम से भारत में ही 21वीं सदी के घरों के निर्माण की नई और सस्ती तकनीक विकसित की जाएगी. घर बनाने से जुड़े लोगों को नई तकनीक से जुड़ी स्किल अपग्रेड करने के लिए सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किया जा रहा है, ताकि देशवासियों को घर निर्माण में दुनिया की सबसे अच्छी तकनीक और मटेरियल मिल सके.
कोरोना ने मजदूरों की ताकत का कराया अहसास
नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो लोग हमारे मजदूर के सामर्थ्य को स्वीकार नहीं करते थे, कोरोना ने उन्हें स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया. शहरों में हमारे श्रमिकों को उचित किराए पर मकान उपलब्ध नहीं होते हैं. हमारे श्रमिक गरिमा के साथ जीवन यापन करें, ये हम सब का दायित्व है. इसी सोच के साथ सरकार उद्योगों के साथ और दूसरे निवेशकों के साथ मिलकर उचित किराए वाले घरों का निर्माण करने पर बल दे रही है और कोशिश ये भी है कि जहां वो काम करते हैं, उसी इलाके में उनका मकान हो. इससे उन लोगों को काफी राहत मिलेगी. उनलोगों को घर में काम करने का अहसास होगा.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रखी राय
पीएम नरेंद्र मोदी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर झारखंड के मख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे. इनके अलावा आवासीय और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी शामिल थे. मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड एक पिछड़ा राज्य है और लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत, केंद्र और राज्य सरकार की मदद से यहां 1008 घरों का निर्माण किया जाएगा. यहां रहने वाले लोगों की आय कम है. इनमें से ज्यादातर मजदूर हैं. हमें उनके वित्तीय बोझ को कम करने पर रणनीति बनानी चाहिए.