लाइव सिटीज डेस्क (नियाज आलम) : राजद बनाम सुशील मोदी की ज़ुबानी जंग अब कोर्ट रूम तक पहुंच गई है. इस क्रम में भाजपा नेता सुशील मोदी ने राजद प्रवक्ता मनोज झा और चितरंजन गगन के खिलाफ अपने मानहानि के मुकदमे के मामले में शनिवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ओम प्रकाश की अदालत में गवाही दी.
मोदी सुबह 7 बजकर 11 मिनट पर अपने वकील राजीव पाठक और कुमार सचिन के साथ कोर्ट में पेश हुए और अपनी गवाही दर्ज कराई. उनके साथ वरिष्ठ अधिवक्ता और सरकारी वकील शम्भु प्रसाद भी मौजूद रहे. गवाही के बाद सीजेएम ओम प्रकाश ने सुशील मोदी द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे को सहायक मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (एसीजेएम) ओम प्रकाश की अदालत में भेज दिया.
कोर्ट में पेश होने से गवाही दर्ज करने तक सुशील मोदी लगभग 3-4 मिनट बाद कोर्ट रूम से बाहर आ गए. मामला एसीजेएम के पास भेजे जाने से सुशील मोदी थोड़ा मायूस भी दिखे., हालांकि इस मामले पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
क्या था मामला
पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को पटना के सीजेएम कोर्ट में राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा और प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन के खिलाफ आईपीसी की धारा के तहत आधारहीन, बेबुनियाद और तथ्यहीन आरोप लगाकर प्रतिष्ठा को आधात पहुंचाने के मामले में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था.
सुशील मोदी ने कोर्ट से इस मामले में संज्ञान लेकर अभियुक्तों को कड़ी से कड़ी सजा देने का आग्रह किया था. सुशील मोदी ने अपनी शिकायत में कहा था कि राजद प्रवक्ताओं ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम जनता के बीच उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए उन पर बेबुनियाद आरोप लगाया, जो देश के अनेक अखबारों में प्रकाशित हुआ.
इस बाबद उन्होंने कहा कि अभियुक्तों ने अपने बयान में पटना में आलीशान मकान, चर्च की जमीन हड़पने से लेकर दिल्ली और मुम्बई के कई कंपनियों में काला धन लगे होने का अनर्गल आरोप लगाकर मेरी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाया है.
भजपा के वरिष्ठ नेता ने कोर्ट से आग्रह किया है कि इस मामले में संज्ञान लेते हुए अभियुक्तों के कोर्ट में उपस्थित होने के लिए वारंट निर्गत किया जाए और ट्रायल के बाद उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.