लाइव सिटीज डेस्कः भारतीय मीडिया में वायरल हुई खबर कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को दिल का दौरा पड़ा. लेकिन पाकिस्तानी मीडिया में इस खबर की चर्चा तक नहीं है. पाकिस्तान के अखबारों और टीवी चैनलों पर दाऊद की बीमारी की कोई खबर नहीं है. ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि.. दाऊद को लंबे समय से पनाह देने वाले पाकिस्तान में ही इस खबर की चर्चा क्यों नहीं? सवाल ये कि क्या ये महज अफवाह है? अगर अफवाह है तो आखिर क्यों फैलाई गई?
पाकिस्तान में खबर पर चर्चा क्यों नहीं
जी हां… पाकिस्तान का बड़ा अखबार डॉन हो या जीओ टीवी या फिर एआरवाई टीवी चैनल कहीं भी अंडरवर्ल्ड डॉन की बीमारी की खबर नहीं होना महज एक इत्तेफाक तो नहीं हो सकता है. क्या ऐसी अफवाह जानबूझ कर भारतीय मीडिया में फैलाई गई? यहां सवाल है कि सूत्रों के मुताबिक 19 अप्रैल को दाऊद को एक पार्टी में देखा गया था. जबकि खबरे हैं कि वो लंबे समय से बीमार चल रहा था.
रविवार रात से मीडिया में वायरल हुई खबर
मालूम हो कि रविवार देर रात से ही भारतीय मीडिया में ये खबर वायरल होनी शुरु हुई. और देखते ही देखते तकरीबन हर बड़े अखबार और न्यूज चैनल पर ये खबर छा गई. खबर थी कि भारत का मोस्ट वांटेड अपराधी और 1993 मुंबई बम धमाके का मास्टरमाइंड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को दिल का दौरा पड़ा. रिपोर्ट्स के मुताबिक दाऊद को कराची के कंबाइंड मिलिटरी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.
छोटा शकील ने बताया अफवाह
उधर इस खबर के तुरंत बाद दाऊद के करीबी छोटा शकील ने दिल का दौरा पड़ने की ख़बरों को ख़ारिज कर दिया. शकील का कहना है कि दाऊद बिलकुल ठीक है. ये सब खबरें अफवाहें है.
अफवाहों के मुताबिक दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान के कराची में दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया. बताया जा रहा है कि दाऊट को ब्रेन ट्यूमर हुआ था जिसका ऑपरेशन पाकिस्तान के कराची में हुआ. अफवाहों के मुताबिक दाऊद के शरीर का दाहिना हिस्सा पूरी तरह से काम करना बंद चुका है. वह आखिरी सांसे गिन रहा है.
1993 मुंबई बम धमाकों का मुख्य आरोपी है दाऊद
1993 मुंबई बम धमाके में 257 लोग मारे गए थे और 717 लोग जख्मी हो गए थे. इस हमले में दाऊद के साथ टाइगर मेमन और याकूब मेमन भी शामिल थे. जुलाई 2015 में याकूब को फांसी की सजा दी गयी थी. दाऊद 23 साल पहले भारत से पाकिस्तान भाग गया था. वह पाकिस्तान में बैठकर लंबे समय से दुनिया भर में अपने आतंक की हुकूमत चला रहा है. हालांकि पाकिस्तान इस बात से हमेशा इंकार करता रहता है.
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