लाइव सिटीज डेस्क : 128 मामलों में आरोपी रह चुके झारखंड के इनामी पूर्व नक्सली कुंदन पाहन के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने कड़ा तेवर अपनाया है. कोर्ट ने झारखंड सरकार को झटका देते हुए कहा है कि कुंदन पाहन को 15 लाख देना गलत है. कुंदन 128 मामलों में आरोपी रह चुका है. सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट ने खुद ही यह संज्ञान लिया है.
दअरसल 15 लाख का पूर्व इनामी नक्सली कुंदन पाहन ने रविवार को रांची के डीआइजी एवी होमकर के सामने आत्मसमर्पण किया था. कुंदन पाहन को डोरंडा स्थित डीआइजी के रेसिडेंस में आयोजित कार्यक्रम में इनाम की राशि के रूप में 15 लाख रुपये का चेक सौंपा गया.
कुंदन के सरेंडर को वहां के सीनियर पुलिस अधिकारी बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं. इधर झारखंड हाईकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद रघुवर सरकार को झटका लगा है.

गौरतलब है कि झारखंड सरकार नक्सलियों को मुख्य धारा में लौटने के लिए नक्सली जो मुख्य धारा में आना चाहते हैं, सरकार की सरेंडर पॉलिसी का लाभ उठायें. एेसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा.
डीआइजी और एसएसपी ने भी नक्सलियों को सरेंडर करने की अपील की है. कुंदन पाहन ने अपने साथी नक्सलियों से भी सरेंडर करने की अपील की है.
उधर पुलिस सूत्रों की मानें तो कुंदन पाहन से एक पेन ड्राइव मिला है. उससे कई बड़े खुलासे हो सकते हैं. उसके संपर्क में रहनेवालों के बारे में पेन ड्राइव से जानकारी मिल सकती है.
वहीं कुंदन पाहन से पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे तमाड़ थाने में वर्ष 2014 में दर्ज एक नक्सली केस में होटवार जेल भेज दिया गया. हालांकि कुंदन पाहन का कहना है कि वह 2012 में ही अपने दस्ते और अजय महतो के साथ सरेंडर करना चाहता था, पर तब उसे लगा कि धोखा हो सकता है, इसलिए उसने सरेंडर नहीं किया.
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