लाइव सिटीज डेस्क : मध्य प्रदेश में एक सामूहिक विवाह का आयोजन सुर्ख़ियों में है. वजह है इस सामूहिक विवाह में मौजूद प्रदेश सरकार के एक मंत्री द्वारा दुल्हनों को दिया गया विशेष उपहार. मंत्री जी ने समारोह में शामिल सभी दुल्हनों को मोगरी (कपड़े धोने वाली लकड़ी की छोटी बैट) बांटी. मंत्री ने साथ ही कहा कि शराब पीनेवाले पतियों पर इसका इस्तेमाल करें.
अचानक सुर्ख़ियों में आई यह घटना मध्य प्रदेश के सागर जिले के गढ़ाकोटा की है. बीते शनिवार को अक्षय तृतीया के अवसर पर यहां अंतर्राष्ट्रीय ख्याति का सामुहिक विवाह समारोह आयोजित किया गया. समारोह में प्रदेश के पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने दुल्हनों को उपहार के तौर पर मोगरी बांटी. इनपर शराब के खिलाफ स्लोगन भी लिखे हुए थे. इन पर ‘शराबियों से सुटारा (पीटने) हेतू भेंट’ और ‘पुलिस नहीं बोलेगी’ जैसे स्लोगन लिखे हुए थे.
समारोह में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत 700 जोड़ों की शादी कराई गई. इस मौके पर घर-गृहस्थी का सामान देने के साथ-साथ दुल्हनों को मोगरी बांटी गई. मंत्री ने इस दौरान दुल्हनों से कहा कि अवैध ठेकों के अलावा शराब पीकर घर-परिवार तोड़ने वालों को पहले समझाएं और अगर न मानें, तो मोगरी का इस्तेमाल करें. उन्होंने कहा कि अगर पति भी शराब पीकर क्लेश करे, तो पहले उसे समझाएं और अगर न माने, तब भी मोगरी काम आएगी.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित है यह समारोह
बता दें कि सागर के गढ़ाकोटा में हुआ सामूहिक विवाह सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित है. यहां पिछले 16 सालों से अक्षय तृतीया पर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह होते आ रहे हैं. इससे पहले यानी 15 आयोजनों में 16550 शादियां कराई जा चुकी हैं. इस आयोजन को गिनीज बुक में जगह मिल चुकी है. इस बार 700 जोड़ों की शादियां कराई गईं हैं.
गोपाल भार्गव ने बेटे की कराई थी शादी
महत्वपूर्ण बात यह है कि गोपाल भार्गव ने 22 अप्रैल, 2015 में इसी सामूहिक विवाह सम्मेलन में अपने बेटे अभिषेक और बेटी डॉ. अवंतिका की भी शादी कराई थी. भार्गव के दामाद अमेरिका की एक कंपनी में इंजीनियर हैं. वहीं उनकी बहू शिल्पी आचार्य एक सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी की बेटी है. मंत्री गोपाल भार्गव के मुताबिक, इसका मकसद खर्चीली शादियों से दूरी बनाना है.
तस्वीरें विभिन्न स्रोतों से साभार
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